यह तस्वीर तो दिल को छू गई:
पीवी सिंधू का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। उन्होंने अपने अदम्य साहस और इच्छाशक्ति के प्रदर्शन के दम पर पूरे देश को को गौरवान्वित किया है।
आपने देखा क्या सिंधु का अंदाज:
जी हां हाल ही में पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया है। यहां पर उन्होंने सिल्वर मेडल जीता है।
सिंधु फैमिली के साथ खुश रहती:
सिंधु के माता पिता पीवी रमण और पी विजया दोनों ही पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगितायें जीत चुके हैं।
खेल के बाहर के शौक भी पूरी करती:
पिता रमण को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सिंधु ने महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया।
वह खुद को समाज से जोडऩे में आगे:
सबसे पहले उन्होंने सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की क्लास की।
कदमों में जुनून ही पहचान:
सिंधु को पहला अंतरराष्ट्रीय पदक कोलंबो में 2009 में सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में मिला।
भीड़ से अलग दिखती हैं पीवी सिंधु:
इतना ही नहीं सिंधु 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है।
बचपन की ये तस्वीर कम दिखी:
बचपन से कुछ अलग करने की चाहत रखने वाली सिंधु ने अब तक कई बड़ी चैंपियनशिप जीती हैं।
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