तालिबान का महिलाओं में डर

एक तरफ देश में पंजाबी रैप सिंगर यो यो हनी सिंह के गानों को लेकर बवाल मचा हुआ तो वहीं अफगानिस्तान में एक फीमेल रैप सिंगर हनी सिंह के कंपोजिशंस की तरह ही कंपोजिशंस पेश कर लोंगों के दिलों में जगह बना चुकी है. लॉन्ग कोट, जींस और हेड स्कार्फ में नजर आने वाली 23 साल की सुसैन फिरोज को अफगानिस्तान में देखकर लोगों को हैरत हो सकती है. एक ऐसा देश जहां तालिबान के डर से लड़कियां और महिलाएं पर्दे में या फिर घर की चहारदीवारी में छिपे रहने को मजबूर हैं, वहां पर सुसैन के एब्यूसिव और बोल्ड लैंग्वेज वाली कंपोजिशंस सुपरहिट साबित हो रही हैं.

हकीकत से रूबरू कराते सांग्स

सुसैन का बचपन ईरान और पाकिस्तान के रिफ्यूजी कैंप्स में बीता है. आज भी उन्हें  बॉम्बिंग्स और फायरिंग के एक्सपीरियंसेज अच्छे से याद हैं. सुसैन के रैप सांग्स रेप और गालियों जैसे कंटेंट के बावजूद अफगानिस्तान के लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. इस बारे में सुसैन कहती हैं कि उनके गानों में लोगों को वो सब देखने और सुनने को मिल रहा है जो अफगानिस्तान में पिछले कई वर्षों से हकीकत बना हुआ है. सुसैन इस समय अपने पहले एलबम की रिकॉर्डिंग में बिजी हैं. सुसैन को यूएस एंबेसी में परफॉर्म करने के लिए भी खासतौर पर इनवाइट किया जाता है. इसके अलावा वो कई लोकल इवेंट्स में भी परफॉर्म करती नजर आ जाती हैं. वो कहती हैं कि वॉर टाइम में अफगानिस्तान में फीमेल्स को कई तरह के मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा था. अब वो अपने गानों के जरिए उन्हीं मुश्किलों को लोगों के बीच लाने की कोशिश कर रही है.

...तो इसलिए बनी रैपर

सुसैन का कहना है कि रैप सांग या फिर हिप-हॉप नंबर्स आज लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आते हैं. इन सांग्स में उन्हें वहीं दिखाया जाता है या नजर आता है जो उनकी डेली लाइफ में हो रहा होता है. अगर रैप सिंगिंग के जरिए वो लोगों को मुश्किलों के बारे में बता सकती है तो अफगानिस्तान में काफी कुछ है जिसे लोग जानना चाहते हैं.  इसलिए उन्होंने सिर्फ रैप सिंगिंग को ही अपना जरिया बनाया. 1990 में सिविल वॉर के दौरान सुसैन के पैरेंट्स उन्हें ईरान से पाकिस्तान ले गए थे. जब 2001 में अफगानिस्तान से तालिबान का सफाया हुआ तो सुसैन और उनकी फैमिली वापस लौट आई. रैप सिंगिंग से पहले सुसैन अपने भाई के साथ कारपेट वीविंग का काम करती थीं.

एक लाख से ज्यादा हिट्स

सुसैन का पहला सांग ईरान में रिफ्यूजी कैंप एक्सपीरिंयस पर बेस्ड था जिसे यू-ट्यूब पर पोस्ट होते ही एक लाख से ज्यादा लोगों ने देख डाला. सुसैन कहती हैं कि जिस समय वो ईरान के रिफ्यूजी कैंप में थी और ब्रेड लेने के लिए जाती थीं तो उन्हें गालियां देकर भगा दिया जाता था. सुसैन का पहला एलबम जनवरी में ही रिलीज हो जाएगा और इस एलबम के लिए अफगानिस्तान के ही एक पॉप सिंगर फरीद रस्तागर उनकी मदद कर रहे हैं.

'बेटी पर है गर्व'

एक सिविल सर्वेंट अब्दुल गफ्फार फिरोज  और अनपढ़ मां की लाड़ली बेटी सुसैन के इस नए अवतार के बाद कई दुश्मन भी मिल गए हैं. सुसैन के अंकल और दूसरे रिलेटिव्स पसंद नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि उनके पैरेंट्स को रिलेटिव्स के घर आने की भी मनाही हो गई है. उनके पास अक्सर फोन पर धमकी वाली कॉल्स आती रहती हैं. इसके बावजूद सुसैन के पैरेंट्स उनके टैलेंट को आगे बढ़ाना चाहते हैं. उनके पिता का कहना है कि उन्हें बेटी पर गर्व है क्योंकि उसने उनके नाम को और आगे बढ़ाया है.  सुसैन कहती हैं कि जब उन्होंने कुछ नहीं किया तो फिर वो भला क्यों सबसे डरें.

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