नई दिल्ली (एएनआई)। संसद में मानसूत्र के छठवें दिन शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया। इस दाैरान उच्च सदन में बोलते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बिल की आवश्यकता थी। कोविड-19 से डॉक्टरों, पैरामेडिक्स सहित कई स्वास्थ्य कर्मियों का किसी न किसी रूप में अपमान किया गया। ऐसे में केंद्र सरकार ने इस स्थिति पर काम किया और पाया कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एक निषेधात्मक कानून की जरूरत है। चर्चा के दाैरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने इस पर विरोध जताया था।
Rajya Sabha passes Epidemic Diseases (Amendment) Bill 2020.
— ANI (@ANI) September 19, 2020
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (दूसरा संशोधन) विधेयक पारित
टीएमसी सांसद ने कहा कि बंगाल में पहले से ही डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए कानून थे। आपने अब स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में सोचा? बंगाल में मेडिकेयर सर्विस प्रिवेंशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी एक्ट 2009 है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक राज्यों के संवैधानिक रूप से सौंपे गए कार्यों का अतिक्रमण करने का एक प्रयास है। उन्होंने आगे कहा, आप संवैधानिक बार को पार नहीं कर सकते, आप अपना काम करें और राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपना काम करने दें। इस बिल में भयावह प्रावधान भी मौजूद हैं। इससे पहले इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (दूसरा संशोधन) विधेयक पारित किया गया।
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