संविधान विशेषज्ञों से सलाह मशविरा के बाद लिया फैसला
नई दिल्ली (प्रेट्र)। देश के उपराष्ट्रपति व राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू द्वारा सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया है। उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज करने से पहले कल रविवार की शाम को संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा किया। इसमें उन्होंने लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मलहोत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह व राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी चर्चा की।
किसी चीफ जस्टिस के खिलाफ पहली बार आया यह प्रस्ताव
इतना ही नहीं उन्होंने देर शाम सुप्रीम कोर्ट पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी से भी इस संदर्भ में मुलाकात की थी। बातदें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पहली बार आया है। इसके पहले किसी के खिलाफ यह प्रस्ताव नहीं आया है। बतादें कि कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने पिछले हफ्ते भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा के दुर्व्यवहार के 5 आधार बताते हुए महाभियोग का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को दिया था।
इस प्रकिया के बाद राष्ट्रपति हटा सकते मुख्य न्यायाधीश को
मुख्य न्यायाधीश या फिर सुप्रीम कोर्ट के किसी जज को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को होता है। महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा में 100 और राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों का हस्ताक्षर जरूरी होता है। इसके बाद बाद तीन जजों की समिति बनती है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय का एक मौजूदा न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक कानूनविद् शामिल होता है। आरोप साबित होने पर सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति उसे पद से हटा देते हैं।
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