अपने बल पर यह नौकरी हासिल की
इन दिनों राजस्थान में भाजपा विधायक जगदीश मीणा के पुत्र रामकृष्ण मीणा को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी मिलने का मामला काफी चर्चा में है। उनका बेटा उसी विधानसभा में चपरासी है जहां वह विधायक बन कर बैठते हैं। हाल ही में 10वीं पास रामकृष्ण मीणा का चयन विधानसभा में चपरासी के 18 पदों में एक पर हुआ है। इसके लिए करीब 18 हजार से अधिक उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए आए थे। इनमें अधिकांश उम्मीदवार उच्च शिक्षा प्राप्त थे। वहीं चर्चा में आए इस मामले को लेकर विधायक जगदीश मीणा का कहना है कि उनके बेटे ने अपने बल पर यह नौकरी हासिल की है। वह काफी मेहनती है। उसने पिता की राजनीति नहीं बल्कि परिवार के साथ खेती में हाथ बंटाना जरूरी समझा और इसके लिए आगे बढ़ा। उन्हें गर्व है कि अगर उसमें राजनीति की चाहत नही है तो वह इस तरफ नहीं आया।
बेटा चपरासी बनने लायक ही है
यह कोई पहला मामला नही है। इसके पहले 2015 एक और विधायक हीरालाल वर्मा का बेटा भी चपरासी बनने की लाइन में शामिल हो चुका है। उनके बेटे हंसराज ने अजमेर कृषि उपज मंडी समिति में चपरासी के पद के लिए इंटरव्यू दिया था। इस दौरान जब यह मामला चर्चा में आया तब भाजपा विधायक हीरालाल वर्मा ने इस पर गर्व जताया था। उनका कहना था कि यह असामान्य जरूर है, मगर न तो पाप है और न ही इसमें कुछ गलत है। उनका बेटा चपरासी बनने लायक है, वह दसवीं भी पास नहीं कर सका है। ऐसे में उसे चपरासी ही बनना चाहिए। यह कोई जरूरी नहीं है कि योग्यता ना भी हो तब भी बच्चों को जबरदस्ती राजनीति में लाया जाए। वह नहीं चाहते उनका यह बेटा ऐसा कोई काम करे जो उसकी योग्यताओं और क्षमताओं से बाहर हो। उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
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