नई दिल्ली (पीटीआई )। भारतीय रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधाओं और सहूलियत के लिए हिसाब से बदलाव करता रहता है। सूत्रों की मानें तो भारतीय रेलवे अगले महीने से रेल यात्रियों फ्लेक्सी फेयर स्कीम में राहत देने की तैयारी में है। कुछ क्षेत्रों में प्रीमियम ट्रेनों के लिए यात्रियों को ज्यादा किराए का भुगतान करना पड़ता है जो कि हवाई यात्रा के बराबर पड़ जाता है। ऐसे में हाल ही में रेल मंत्रालय भीड़भाड के दौरान किए गए प्रयोग में कुछ ट्रेनों की पहचान की है और उनमें फ्लेक्सी फेयर स्कीम को फिलहाल बंद कर सकता है।
फ्लेक्सी फेयर के तहत आती हैं ये ट्रेनें
रेलवे द्वारा किए गए एक्सपेरीमेंट में पाया गया है कि भीड़भाड़ के दौरान 30 प्रतिशत से कम सीटें ही भरीं। ऐसे में अब इसकी जगह पर यहां हमसफर ट्रेनों में लगने वाला फार्मूला लागू किया जा सकता है। फ्लेक्सी फेयर के तहत राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेने आती हैं।इनमें 50 प्रतिशत सीट वास्तविक मूल्य से 15 प्रतिशत से अधिक पर बेची जाती हैं। इसके बाद हर 10 फीसदी टिकटें बिकने पर किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है। कैग की रिपोर्ट में भी रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम को लेकर हैरान करने वाली बातें सामने आई है।
ट्रेनों में बड़ी संख्या में सींटे खाली रहीं
सूत्रों की मानें तो कैग ने भारतीय रेलवे को इसकी वजह से फटकार भी लगाई है। कैग ने कहा है कि फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बाद इन ट्रेनों में बड़ी संख्या में सींटे खाली रह गई हैं। इसकी वजह से विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं अगर पहले के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 3-एसी से रेलवे पहले ही फायदा कमा रहा था। इसलिए फ्लेक्सी किराया लागू करने का काेई मतलब नहीं था। बता दें कि प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लागू होने से 9 सितंबर, 2016 से 31 जुलाई, 2017 तक इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घटी है।
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