लोगों को देनी होंगी ज्यादा सुविधायें
भारतीय रेल में फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए आये रेल मंत्री ने यह जानकारी दी कि अगर रेलवे का तेजी के साथ विकास करना है तो उसके लिये हरसंभव स्रोत से निवेश की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में मीडिया के यह सवाल करने पर कि क्या उनके कहने का मतलब यह है कि रेलवे की माली हालत खराब है. उन्होंने सिर्फ इतना ही जवाब दिया कि किराया बढ़ाया जाएगा. प्रभु ने कहा, रेलवे का बोझ हर तरह से आम आदमी का बोझ है, क्योंकि रेलवे डिपार्टमेंट आम आदमी का ही है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे हमें ठीक से चलाना होगा. इसी के साथ लोगों को भी अधिक से अधिक सुविधायें देनी होंगी.

नये स्रोतों से निवेश जुटाने पर करेंगे गौर
इसके बावजूद उन्होंने इस बात का ब्योरा बिल्कुल भी नहीं दिया कि अगर रेल किराये में बढ़ोतरी होगी भी तो आखिरकार होगी कितनी. इसके विपरीत उन्होंने रेलवे के फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल इन्वेस्टमेंट की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसको लेकर फॉरेन पेंशन फंड्स और दूसरे संस्थानों जैसे नये स्रोतों से निवेश जुटाने पर सिरे से गौर किया जा रहा है.

नहीं होगा रेलवे का निजीकरण
यहां पर बोलते हुये सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात को भी दोहराया कि रेलवे के निजीकरण की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि ऐसा किया भी नहीं जायेगा. उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि रेलवे को फिलहाल भारत सरकार ही चलायेगी. इसका कारण भी उन्होंने बताया कि वित्तीय संस्थान अच्छा रिटर्न तो चाहते हैं, लेकिन ओनरशिप लेना नहीं चाहते हैं. ऐसे में इसके निजीकरण के बारे में मंत्रालय की ओर से कोई विचार नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही रेल मंत्री ने यह भी बताया कि पीपीपी और एफडीआई पर सरकार का कोई भी निर्णय सिर्फ इस आधार पर होगा कि रेलवे और अर्थव्यवस्था का विकास हर कीमत पर सुनिश्चित हो सके. इसको उन्होंने रेलवे की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाने पर जोर दिया है. ऐसा इसलिये ताकि ऐसा करके रेलवे को और भी बेहतर और सुविधाजनक बनाया जा सके.

Hindi News from Business News Desk

 

Business News inextlive from Business News Desk