हैलो, नमस्ते कहकर जीता दिल।

मेरठ : भारत में चार दिवसीय दौरे पर आई नीदरलैंड की महारानी मैक्सिमा का मेरठ के लोगों ने जमकर स्वागत किया। महारानी ने भी उनके साथ हाय, हैलो, नमस्ते व धन्यवाद करट्र्सके सभी लोगों का दिल जीत लिया। उनकी एक झलक पाने के लिए कई गांव के लोगों का पूरा हुजूम उमड़ पड़ा। मेरठ के लोगों से उन्होंने काफी देर बातचीत भी की। इसके साथ मेरठ के बारे में जानकारी भी हासिल की। मेरठ के लोगों ने उन्हें क्रिकेट बैट व गेंद भी गिफ्ट में दिए।

 

स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाली महिला कारीगरों से मिली

महारानी मैक्सिमा मंगलवार सुबह अपने निर्धारित समय से पांच मिनट पहले 9.25 मिनट पर लिसाड़ी गांव में पहुंची। संकरी गली होने के कारण महारानी कार से उतरकर करीब 500 मीटर पैदल चलकर लिसाड़ी गांव स्थित धीर सिंह की सागर स्पोर्ट्स फैक्ट्री में पहुंची। रास्ते में मिले कुछ लोगों से उन्होंने बातचीत की। बातचीत के लिए दो ट्रांसलेटर उनके साथ थे। वह लिसाड़ी गांव स्थित सागर स्पोर्ट्स फैक्ट्री में सवा दो घंटे तक रही। इस दौरान उन्होंने महिला कारीगरों से पिंक गेंद बनाने की कला को सीखा। 10 महिला कारीगरों से आधे घंटे तक बातचीत की। इसके बाद सभी लोगों से बातचीत करके मंगलवार ही सुबह 10। 55 मिनट पर महारानी का काफिला वापस लौट गया।

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जबरदस्त गर्मी के बाद भी नहीं रुका कार्यक्रम

भीषण गर्मी होने के बाद भी महारानी संकरी गलियों में गांव के लोगों से बातचीत करने में पीछे नहीं रहीं। उन्होंने रास्ते में वृद्ध महिलाओं से हाथ भी मिलाया। इसके साथ ही स्टाफ ने भी लोगो को उनसे मिलने में पूरा सहयोग किया। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे।

 

विदेश से आए थे सुरक्षा कर्मी

नीदरलैंड की महारानी के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। नीदरलैंड दूतावास, सेंट्रल आईबी, स्टेट आईबी, एलआईयू और पुलिस प्रशासनिक-अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था संभालने में जुटे रहें। महारानी भारतीय सुरक्षा के साथ-साथ नीदरलैंड के सुरक्षा कर्मियों के घेरे में भी थीं। महारानी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद मंगलवार को मेरठ पहुंची थी। महारानी यूं तो वेस्टर्न ड्रेस में नजर आई, लेकिन उन्होंने यहां के लोगों से पहले हाय, हैलो बाद में नमस्ते धन्यवाद व शुक्रिया शब्दों का भी इस्तेमाल करके सभी का दिल जीत लिया।

 

देशी कारोबारियों से की बातचीत

महारानी मैक्सिमा ने यहां छोटे स्तर पर स्पोर्ट्स कारोबार से जुड़े लोगों से बातचीत की। बैंक अकाउंट, कैशलेस ट्राजेक्शन और लोन लेने के बाद हुए फायदे के बारे में पूछताछ की। छोटे कारीगरों को लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी आई (आय) से भी महारानी मैक्सिमा ने रिपोर्ट तलब की। भुगतान कैश होता है या खाते में, लोन लेने के बाद क्या फायदे हुए, कितने लोगों को रोजगार से जोड़ा, कितनी कमाई हो जाती है, घर से बैंक कितनी दूर है, किस बैंक में खाता है जैसे सवाल महारानी ने लोगों से किये।

 

 

 

सेल्फी लेने की लोगों में मची होड़

कारीगरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महारानी मैक्सिमा को क्रिकेट बल्ला, गेंद और ग्लब्स भेंट किए। इस दौरान लोगों में उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ लगी रही। खुद महारानी मैक्सिमा ने भी स्थानीय लोगों के अभिवादन को हृदय से स्वीकार किया। गांव में लोगों ने अपने घरों व छतों पर खड़े होकर महारानी का स्वागत किया।

 

क्यों आई थीं महारानी?

आय फाइनेंस कंपनी का शास्त्रीनगर में ऑफिस है। आय गरीबों को कारोबार करने के लिए लोन देती है। आय फाइनेंस कंपनी से महारानी भी जुड़ी हुई है। लिसाड़ी गांव के धीर सिंह ने आय फाइनेंस कंपनी से स्पोर्टस की फैक्ट्री लगाने के लिए दो लाख रुपये का लोन लिया था। उससे उसने अपनी सागर नाम से स्पोर्ट्स की गांव में फैक्ट्री खोली। जिसमें चालीस कारीगर काम कर रहे है। इसे फैक्ट्री को देखने के लिए महारानी नीदरलैंड का कार्यक्रम लिसाड़ी गांव में रखा गया था। इसके लिए पूरी तैयारी थी।

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