कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खेलों की नजर से सबसे बड़ा मैच आज खेला गया। बैडमिंटन के खेल में वुमेंस सिंगल्स का सेमीफाइनल मैच पीवी सिंधु बनाम ताइ जु यिंग के बीच आयोजित किया गया। सिंधु की नजर ये मैच जीतकर फाइनल का टिकट कटाने पर थी। मगर ऐसा नहीं हो सका। वह पिछले ओलंपिक में भी फाइनल में पहुंची थी मगर हारकर उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था। इस बार सिंधु की नजर गोल्ड पर थी मगर वह सेमीफाइनल में ही हार गईं।
दोनों सेट पर हावी रही ताइपे की खिलाड़ी
सिंधु नहीं रच पाईं इतिहास
भारतीय बैडमिंटन खेलों में सबसे बड़े नामों में से एक और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु एक बड़ा रिकॉर्ड हासिल करने से चूक गईं। छठी वरीयता प्राप्त सिंधु व्यक्तिगत स्पर्धाओं की बात करें तो दूसरी बार (लगातार) ओलंपिक के फाइनल में प्रवेश कर सकती थी। उन्होंने अपनी हमवतन साइना नेहवाल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है जो ओलंपिक में दो क्वार्टर और एक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय शटलर बन गई हैं। हालांकि किसी भी भारतीय शटलर के ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने का सपना फिर से अधूरा रह गया।