कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। PV Sindhu Birthday : पुसरला वेंकट सिंधु, जिन्हें पीवी सिंधु के नाम से जाना जाता है। 5 जुलाई को जन्मी पीवी सिंधु आज एक फेमस इंडियन बैडमिंटन प्लेयर हैं। सिंधु का बचपन से स्पोर्ट्स से क्लोज रिलेशन रहा है क्योंकि उनके पैरेंट्स पीवी रमन्ना और पी. विजया, दोनों प्रोफेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। छोटी उम्र से ही सिंधु ने खेल के प्रति अपार प्रतिभा और जुनून का प्रदर्शन किया। हालांकि बावजूद इसके सक्सेस पाने के लिए सिंधु को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। हर एक सफल व्यक्ति की लाइफ की तरह ही सिंधु की लाइफ भी कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और बलिदान से भरी है। सक्सेस के लिए सिंधु ने कुछ चीजों को लाइफ में हमेशा पहले रखा है। सिंधु की तीन बातें किसी को भी बुलंदियों पर ले जा सकती है।
अच्छी चीजों के लिए त्याग जरूरी
ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी पीवी सिंधु में त्याग की भावना जबरदस्त है। उनकी लाइफ में एक बार एक ऐसा समय था जब उन्हें अपना फोन तक छोड़ दिया था। सिंधु ने करीब 3 महीने फोन इस्तेमाल नहीं किया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपने कोच पुलेला गोपीचंद के कहने पर आइसक्रीम और मिठाई जैसी अपनी मनपसंद चीजों को भी छोड़ दिया था।
प्रतिबद्धता और मेहनत पर फोकस
2021 में पद्मश्री से सम्मानित वर्ल्ड चैंपियन सिंधु ने प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत को लाइफ में सबसे पहले रखा। सिंधु अपनी एकेडमी तक पहुंचने के लिए हर दिन 56 किमी की जर्नी करती थीं। पीवी सिंधु हर दिन 6-7 घंटे और वीक में 6 दिन प्रैक्टिस करती थीं। सिंधु अब तक अर्जुन अवार्ड, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, बीबीसी स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर व पद्म भूषण पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं।
जरूरत पड़ने पर परंपरा तोड़ना
पीवी सिंधु जरूरत पड़ने पर परंपरा को तोड़ना सही मानती हैं। उन्होंने खुद वही किया। उन्होंने 8 साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। वॉलीबॉल के दो नेशनल के प्लेयर्स की बेटी होकर भी पीवी सिंधु ने बैडमिंटन को करियर के ताैर पर चुना। अमूमन बच्चे अपने फैमिली के बनाए रास्ते पर ही चलते हैं लेकिन सिंधु ने अलग राह अपनायी। इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ी।