फ़ोर्ब्स पत्रिका की साल 2013 की सूची में पुतिन ने अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को पीछे छोड़ दिया. ओबामा को विश्व के प्रभावशालियों व्यक्तियों की सूची में दूसरा स्थान मिला है.

इस सूची में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरे स्थान पर हैं.

पोप फ्रांसिस को इस सूची में चौथा स्थान मिला है. बिल गेट्स इस सूची में छठे नंबर पर हैं.

फ़ोर्ब्स पत्रिका के अनुसार बराक ओबामा की पकड़ अमरीकी राजनीति पर अपेक्षाकृत रूप कम समय में कमज़ोर पड़ गई जबकि रूसी राजनीति में पुतिन का दबदबा बरक़रार रहा.

जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल को इस सूची में पांचवा स्थान मिला है. शीर्ष 20 लोगों में मात्र दो महिलाएँ शामिल हैं.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को इस सूची में 11वां स्थान मिला है.

दबदबा

फोर्ब्स 2013, विश्व के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची

-व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति

-बराक ओबामा, अमरीका के राष्ट्रपति

-शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति

-पोप फ्रांसिस, रोमन कैथॉलिक चर्च

-एंगेला मर्केल, जर्मन की चांसलर

-बिल गेट्स, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष

-बेन बर्नैन्की, फेडेरल रिज़र्व, अमरीका के चेयरमैन

-अब्दुल्ला बिन अब्दलु अज़ीज़ अल सऊद

-मॉरियो द्रागी, यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रमुख

-माइकल ड्यूक, वॉलमार्ट के सीईओ

पिछले तीन सालों में ओबामा पहली बार फ़ोर्ब्स के प्रभावशाली लोगों की सूची में पहली बार पहले स्थान पर नहीं हैं.

सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध का असर अमरीका और रूस के संबंधों पर भी पड़ा है.

ब्लादिमीन पुतिन का रूस की राजनीति में पिछले 12 सालों से दबदबा बरक़रार है. पुतिन मार्च, 2012 में फिर से रूस के राष्ट्रपति चुने गए थे.

फ़ोर्ब्स के अनुसार पुतिन के उलट अमरीका में बजट और ऋण संकट के कारण हुई आर्थिक बंदी से ओबामा की स्थिति डांवाडोल हो गई थी.

फ़ोर्ब्स के अनुसार, "पुतिन ने रूस के ऊपर अपना नियंत्रण बढ़ाया है जबकि दूसरे बार राष्ट्रपति बने ओबामा का प्रभाव शीघ्र ही कम हो गया जिसका ताज़ा उदाहरण अमरीका में सरकारी बंदी के कारण उपजी स्थिति."

रूस ने इस साल अगस्त में अमरीका के नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) के कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन को शरण दी. अमरीकी एजेंसी को ख़ुफ़िया जानकारियों को लीक करने के मामले में स्नोडेन की तलाश है.

एक महीने बाद पुतिन ने सीरिया की तरफ़ मुड़ी अमरीकी मिसाइलों का मुँह मोड़कर अपना "तुरूप का पत्ता" चल दिया. रूस ने सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों को सौंपने की योजना प्रस्तुत करके सीरिया को संभावित हमले से बचा लिया था.

पत्रिका के अनुसार, "इस साल चली गई शतरंजी चालों पर नज़र रखने वाले लोगों ने सीरिया और एनएसए जैसे मामले में देखा कि कौन व्यक्ति ज़्यादा प्रभावशाली है."

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