बीते हफ़्ते अहमदाबाद के नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन (एनआईडी) में एक ख़ास प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों से बनाए गए अनोखे उत्पाद लोगों के सामने पेश किए गए।एनआईडी में फर्नीचर डिज़ायन के कोऑर्डिनेटर प्रवीण सिंह सोलंकी ने बीबीसी को बताया कि नीदरलैंड के एक संस्थान ‘रॉयल डच कस्टर्स इंजीनियरिंग’ के साथ मिलकर ‘वैल्यू ऑफ मनी’ विषय पर एक डिज़ाइन प्रतियोगिता रखी थी।
इस प्रतियोगिता में बेकार नोटों से कुछ नया रचने के लिए छात्रों को आमंत्रित किया गया। इस तस्वीर में आप नोटों को गलाकर बनाई गई ईंट देख रहे हैं।
सोलंकी बताते हैं कि 49 संस्थानों के 184 छात्रों को इस प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया गया और आरबीआई ने बंद हो चुके नोट दिए जिन्हें छात्रों में बांटा गया।
सोलंकी बताते हैं कि नीदरलैंड्स के संस्थान ने 4 विजेता छात्रों को ‘कस्टर्स इंजीनियरिंग प्राइज़ 2017’ पुरस्कार दिया।
एनआईडी कैंपस में पुराने नोटों से बनाई गई 22 नई नायाब चीज़ों को जगह दी गई है।
छात्रों ने इन नोटों से साउंड प्रूफ़ टाइल्स, बटुए, ईंटें और डायरी जैसी बहुत-सी चीज़ें बनाईं।
सोलंकी ने बताया कि चार विजेताओं को 1 लाख, 75 हज़ार, 50 हज़ार और 25 हज़ार की पुरस्कार राशि दी गई।
वह बताते हैं कि आमतौर पर बंद किए गए नोटों का इस्तेमाल ज़मीन के भराव और तेल के इस्तेमाल के लिए हुआ है।
एनआईडी अहमदाबाद के निदेशक प्रद्युमन व्यास बताते हैं कि इस दौरान कई आइडिया आए और सभी के पीछे रिसाइक्लिंग की अनोखी कहानियां हैं। इस तस्वीर में आप नोटों के इस्तेमाल से बनी घड़ी देख रहे है।
यह एक गुल्लक है। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक जयंत कुमार दाश ने कहा कि रिसाइकलिंग पहल बहुत ही अच्छे समय पर आई है।
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