श्रीनगर(पीटीआई)। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए टेरर अटैक का साजिशकर्ता के कश्मीर के त्राल में हुई मुठभेड़ में मारे जाने की खबर है। इस मुठभेड़ की जानकारी देते हुए अधिकारियों का कहना है कि त्राल के पिंग्लिश क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद यहां तलाशी अभियान शुरू हुआ था।
पुलवामा टेरर अटैक का मास्टर माइंड खान 23 साल का था
इस दाैरान मुठभेड़ में मारा गया जैश ए-मोहम्मद का आतंकवादी मुदासिर अहमद खान उर्फ ‘मोहम्मद भाई’ मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक है। इन तीनों आतंकवादियों के शव बुरी तरह से जले होने से उनकी पहचान नहीं हो पाई। उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है। इस मामले की जांच में अब तक जुटाए गए सबूतों के मुताबिक मारा गया पुलवामा टेरर अटैक का मास्टर माइंड खान 23 साल का था।
खान ग्रेजुएशन के बाद आईटीआई कर इलेक्टिशियन बना
इतना ही नहीं खान पुलवामा के मीर मोहल्ला का रहने वाला था। उसने ही आतंकी हमले में इस्तेमाल होने वाले वाहन और विस्फोटक का इंतजाम किया था। खान ग्रेजुएट होने के बाद आईटीआई से एक साल का डिप्लोमा करके इलेक्टिशियन बना था। यह अपने परिवार में सबसे बड़ा था। खान 2017 में जैश से जुड़ा और बाद में नूर मोहम्मद तंत्रे उर्फ ‘नूर त्राली’ ने उसे आतंकवादी संगठन में शामिल कर लिया।
आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार खान के संपर्क में था
2017 में नूर त्राली की माैत के बाद खान घर से 14 जनवरी, 2018 को लापता हुआ था। इसके बाद से वह आतंकी दुनिया में जमा था। इतना ही नहीं जांच अधिकारियों को यह भी पता चला है कि पुलवामा में विस्फोटक से भरी कार से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारने वाला आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार लगातार खान के संपर्क में था।
एनआईए ने खान के घर पर 27 फरवरी को छापा मारा था
ऐसा माना जाता है कि फरवरी 2018 में सुंजावान के सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले में भी खान शामिल था। इसके अलावा सीआरपीएफ के शिविर पर लेथोपोरा में जनवरी, 2018 में हुए हमले में भी उसकी भूमिका थी। इन दोनों हमले में करीब 11 जवान शहीद हुए थे और एक नागरिक मारा गया था। पुलवामा हमले की जांच कर रही एनआईए ने खान के घर पर 27 फरवरी को छापा मारा था।
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