लखनऊ (ब्यूरो)। मोबाइल पोर्टेबिलिटी की तरह यूपी की जनता को राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी राशन पोर्टेबिलिटी स्कीम खूब लुभा रही है। यही वजह है कि महज छह दिन के भीतर प्रदेश में 78 हजार से ज्यादा लोगों ने इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए अपने राशन कार्ड पर पोर्टेबिलिटी की सुविधा ली है। आगामी 15 अगस्त तक यह आंकड़ा एक लाख के पार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस योजना की मदद से जहां राशन की कालाबाजारी पर रोक लगेगी वहीं आम जनता को भी सही मात्रा में राशन मिलने में अब कोई परेशानी नहीं होगी। यूं कहें कि अब कोटेदारों का लोगों को प्रताडि़त करने का दौर खत्म हो चुका है।

अलीगढ़ की पब्लिक सबसे आगे

राशन पोर्टेबिलिटी स्कीम को अपनाने में अलीगढ़ की जनता ने सबसे ज्यादा रुचि दर्शाई है जिसकी वजह से यह शहर पहले स्थान पर है।इसके बाद कानपुर नगर और लखनऊ का नंबर आता है जहां पर लोग इस योजना का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। खास बात यह है कि बुंदेलखंड के कई जिले भी इस योजना से लाभांवित हो रहे हैं और झांसी ने टॉप टेन शहरों में चौथे स्थान पर जगह बनाई है। बताते चलें कि राज्य सरकार ने पांच शहरों में बतौर पायलट प्रोजेक्ट इस योजना की शुुरुआत की थी जिसकी सफलता के बाद विगत 5 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का फैसला लिया गया था।

क्या है राशन पोर्टेबिलिटी

राशनकार्ड धारक अपने शहर की किसी भी उचित दर की दुकान से अपनी सुविधा के अनुसार राशन प्राप्त कर सकते है। खास बात यह है कि इस सुविधा की मदद से राशनकार्ड धारक अपनी जरूरत का पूरा राशन एक बार में ही हासिल कर सकते हैं।

पहले दिन 13 हजार लोगों ने अपनाया

इस स्कीम की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले दिन ही 13 हजार से ज्यादा लोगों ने इसका फायदा उठाया था। इससे पहले यह योजना बतौर पायलट प्रोजेक्ट लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और बाराबंकी में लागू की गयी थी।

नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा

राशन पोर्टेबिलिटी स्कीम में आधार कार्ड सीड होने की अनिवार्यता की वजह से इसमें फर्जीवाड़ा होने की संभावना खत्म हो गयी है। इसके तहत परिवार के किसी एक सदस्य का आधार कार्ड पोर्टेबिलिटी कराने के दौरान फीड होना चाहिए।

राशन पोर्टेबिलिटी अपनाने वाले टॉप टेन शहर

अलीगढ़- 5873

कानपुर नगर- 5410

लखनऊ- 4865

झांसी- 4284

मुजफ्फरनगर- 3346

फिरोजाबाद- 2530

खीरी- 2337

फर्रुखाबाद- 2221

इटावा- 2185

बुलंदशहर- 1980

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'ये गेमचेंजर स्कीम है।अभी तक राशन कार्ड धारक के पास कोई ऑप्शन नहीं था।इससे कोटेदार द्वारा ज्यादा पैसे लेना, अभद्रता करना और कम राशन तौल कर  देने की शिकायतों पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। वहीं राज्य सरकार भी इसमें जो पैसा खर्च कर रही है उसका शत-प्रतिशत लाभ आम जनता को मिल सकेगा।'

- आलोक कुमार, खाद्य आयुक्त

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