अमरीका में सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ अमरीकी वीज़ा लेने में धोखाधड़ी और ग़लतबयानी के आपराधिक  आरोप वापस नहीं लिए जाएंगे.

उम्मीद की जा रही है कि अमरीकी सरकार जनवरी की 13 तारीख़ को मैनहैटन की केंद्रीय अदालत में  देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ अदालती ग्रैंड ज्यूरी के समक्ष आरोप रखेगी और उस दिन अदालत में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को भी मौजूद होना पड़ेगा.

लेकिन इस बीच अगर देवयानी खोबरागड़े को राजनियक छूट हासिल हो जाती है तो अदालत में उनके ख़िलाफ़ मामला तो दर्ज रहेगा लेकिन उस मामले में उस समय तक अदालती कार्रवाई नहीं की जा सकेगी जब तक देवयानी खोबरागड़े को राजनयिक छूट हासिल रहेगी.

अमरीकी सूत्रों का कहना है कि जब देवयानी खोबरागड़े को दी गई राजनयिक छूट ख़त्म हो जाएगी तो अमरीकी सरकार देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ कार्रवाई फिर शूरू कर देगी.

पासपोर्ट ज़ब्त रहेगा

इसका मतलब यह हुआ कि  देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ अदालती मामला तो वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन अगर उनको राजनयिक छूट हासिल होती है तो सिर्फ़ उस समय तक के लिए अदालती मामले पर कार्रवाई रोक दी जाएगी जब तक देवयानी खोबरागड़े को राजनयिक छूट हासिल रहेगी.

देवयानी खोबरागड़े का पासपोर्ट अब भी अदालत के पास ज़ब्त है और उनको पासपोर्ट भी वापस नहीं दिया जाएगा.

देवयानी खोबरागड़े को चूंकि अभी ज़मानत पर रिहा किया गया है इसलिए उनपर यह भी पाबंदी है कि वह सिर्फ़ अमरीका के भीतर ही यात्रा कर सकती हैं और उनके अमरीका छोड़ने पर भी पाबंदी है.

देवयानी खोबरागड़े अदालत में

'देवयानी खोबरागड़े पर मुक़दमा जारी रहेगा'

मैनहैटन स्थित केंद्रीय अदालत में 13 जनवरी को 23 सदस्यी ग्रैंड ज्यूरी के समक्ष देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ मामला रखा जाएगा. फ़िलहाल अमरीका की ओर से देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ वीज़ा लेने में धोखाधड़ी और अमरीकी सरकार से ग़लतबयानी करने के दो आरोप लगाए गए हैं.

लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि अदालत में इस सिलसिले में देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ और आरोप भी लगाए जा सकते हैं.

अदालती दस्तावेज़ के मुताबिक़ देवयानी खोबरागड़े ने कथित तौर पर  अमरीकी विदेश मंत्रालय की वेबसाईट पर ही एक भारतीय नागरिक को घरेलू नौकर की हैसियत से भारत से अमरीका लाने के लिए ए-3 वीज़ा के लिए आवेदन भरा. इस नौकर ने नवंबर 2012 से ही काम शुरू किया.

इस आवेदन में लिखा गया कि घरेलू नौकर को 4500 अमरीकी डॉलर प्रति माह दिए जाएंगे. जो कि क़ानून द्वारा तय की गई न्यूनतम 9.75 अमरीकी डॉलर प्रति घंटे की दर के हिसाब से होगी.

लेकिन उस घरेलू नौकर ने दिवयानी खोबरागड़े के घर में नवंबर 2012 से जून 2013 तक इस 9.75 अमरीकी डॉलर प्रति घंटे की क़ानूनी न्यूनतम दर से कम पर काम किया और 40 घंटे प्रति सप्ताह से भी अधिक काम किया.

12 दिसम्बर को गिरफ़्तारी के समय  दिवयानी खोबरागड़े न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास में अतिरिक्त कौंसल जनरल की हैसियत से राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्य और महिलाओं के मामलों की देखरेख कर रही थी.

उन्तालीस वर्षीय दिवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप अगर साबित हो जाते हैं तो उनको उस जुर्म के लिए कुल 15 वर्ष तक की क़ैद की सज़ा हो सकती है.

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