कानपुर। कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया। वह 81 साल की थीं।
शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार रविवार दोपहर 2.30 बजे निगम बोध घाट पर स्थापित कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) मशीन द्वारा किया जाएगा।
शीला दीक्षित के निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर दाैड़ गई है।इनके निधन पर दो दिवसीय राज्य शोक घोषित करने का निर्णय लिया है।
शीला दीक्षित के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास से लेकर कांग्रेस मुख्यालय तक राजनेताओं के आने का सिलसिला जारी रहा।
शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की सीएम रहीं। उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली को आगे बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोडी।
दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का गांधी परिवार से गहरा नाता था। के निधन से दुखी राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की 'प्रिय बेटी' बताया है।
दिल्ली की सत्ता में 15 साल तक काबिज रहीं शीला दीक्षित को मनोज तिवारी ने लोकसभा चुनाव 2019 में करारी शिकस्त दी थी।
शीला दीक्षित जैसे राजनीतिक जीवन में अपने कर्तव्यों के प्रति जुझारू और कर्मठ दिखीं उसी तरह से अपनी निजी जीवन में भी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
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