सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अपील
तीन दिन की सुनवाई के बाद देश की शीर्ष अदालत ने बर्लुस्कोनी की अंतिम अपील खारिज कर दी. यह मिलान की दो निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ की गई थी. निचली अदालतों ने मामले में बर्लुस्कोनी को चार साल की सजा सुनाई थी. यह और बात है कि पांच सदस्यीय पीठ ने क्षमादान देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री की सजा को चार साल से घटाकर एक साल कर दिया.
सजा के दूसरे हिस्से की न्यायिक समीक्षा के आदेश
शीर्ष न्यायालय ने निचली अदालतों को सजा के दूसरे हिस्से की न्यायिक समीक्षा के भी आदेश दिए हैं. यह बुर्लस्कोनी को पांच साल तक किसी सार्वजनिक पद पर रहने से रोकता था. इस तरह वह अब सीनेटर बने रह सकेंगे. बर्लुस्कोनी प्रसारण अधिकारों की खरीद में धोखाधड़ी के दोषी हैं.
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