दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी के सीईओ पिचाई का बचपन तमिलनाड में बीता था। उनके पिता एक ब्रितानी कंपनी में बतौर इंजिनियर काम करते थे।
लेकिन जब बीबीसी ने पिचाई के समय में प्रिंसिपल रहे अइय्या सामी से सुंदर के स्कूली दिनों के बारे में पूछा तो जवाब थोड़ा असहज मिला।
उन्होंने कहा, "मुझे सुबह से ही लोग बधाई के संदेश दे रहे हैं। आपको भी बधाई हो। अब तो मैं रिटायर हो गया हूँ लेकिन दरअसल मुझे सुंदर पिचाई की कोई भी याद नहीं। हो सकता है अगर वो मेरे सामने पड़ें तो मुझे उनकी शक्ल याद आ जाए"।
सुंदर के स्कूल प्रिंसिपल का बयान इसलिए भी थोड़ा 'असहज' लगा क्योंकि पिचाई के नेतृत्व में उनके स्कूल की क्रिकेट टीम ने एक क्षेत्रीय ख़िताब भी जीता था।
मंगलवार सुबह स्कूल के छात्र-छात्राओं को ये ख़बर सबसे पहले मॉर्निंग एसेंबली में मौजूदा प्रिंसिपल कावेरी पद्मनाभन ने दी।
पद्मनाभन कहती हैं कि निजी तौर पर उन्हें और स्कूल के सभी कर्मचारियों को इस बात पर गर्व है। वो कहती हैं कि पिचाई की इस कामयाबी थोड़ा ही सही, लेकिन उनका भी कुछ योगदान है।
वो कहती हैं, "बिल्कुल, हम उन्हें स्कूल में आमंत्रित करना चाहेंगे और ये भी चाहेंगे कि वो हमारे छात्रों से बात करें, जो उनसे और अधिक प्रेरित होंगे।"
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