क्या है जानकारी
बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी से पहले राजीव गांधी कोलंबो की यात्रा पर गये थे. गौरतलब है कि शपथ ग्रहण को लेकर एक हफ्ते से भी कम समय में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के न्योते पर समरवीरा दिल्ली आये. यहां समरवीरा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को अहम रूप से अगले चरण में ले जाना है, इसके लिए पीएम मोदी मार्च में श्रीलंका की यात्रा पर जा सकते हैं.
समरवीरा ने दी जानकारी
समरवीरा ने जानकारी दी, 'बहुपक्षीय बैठकों को ध्यान में रखकर कई भारतीय प्रधानमंत्री कोलंबो आये, लेकिन 1987 के बाद यह पीएम मोदी का पहला द्विपक्षीय दौरा हो सकता है. उन्होंने बताया कि उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका का दौरा किया था.' हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा से पहले नव-नियुक्त राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना भी अगले महीने भारत के दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में इससे पता चल जाता है कि उनकी सरकार के लिए भारत वाकई खास अहमियत रखता है. यह भी बताया जा रहा है कि सुषमा स्वराज इस दौरे के पहले या इसके बाद द्विपक्षीय संयुक्त कमीशन मीटिंग के लिए कोलंबो रवाना हो सकती हैं. इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुये समरवीरा ने इस बात का दावा किया है कि बीते कुछ सालों में द्विपक्षीय संबंध बेहद तनावपूर्ण रहे हैं. ऐसे में उनकी यात्रा और आगामी दौरों का मकसद रिश्तों को नये सिरे से संवारना और उनमें एक तरह से नई जान फूंकना है.
'श्रीलंका भारत को देगा प्राथमिकता'
जानकारी देते हुये समरवीरा ने यह भी बताया, 'श्रीलंका अभी चीन समेत दूसरे तमाम मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों को भी अहमियत देगा, लेकिन इन सभी बातों से परे एक बात तो सामने आ गई है कि इस नई सरकार के लिए भारत उसकी प्राथमिकता पर होगा. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की इस सरकार में समाज के सभी वर्गों का पूर-पूरा प्रतिनिधित्व है. ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि सही मायने में यह एक श्रीलंकाई सरकार है.'
भारत आये समरवीरा किस-किस से मिले
गौरतलब है कि समरवीरा श्रीलंका के विदेश मंत्री बनने के बाद सबसे पहले भारत आए हैं. समरवीरा के मुताबिक श्रीलंका के नए पीएम रनिल विक्रमसिंघे ने राजपक्षे सरकार की चीन के साथ की गई सभी प्रमुख डील्स पर एक बार फिर से विचार करने का पूरा मन बना लिया है. यहां आकर समरवीरा सुषमा स्वराज के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले. श्रीलंका सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने हायर इंटरेस्ट रेट पर बड़े लोन दिये हैं. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने यह भी दावा किया है कि भारत की बेचैनी बढ़ाने के लिए चीन 2009 से ही श्रीलंका में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में भारी-भरकम पैसा खर्च कर रहा है.
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