नई दिल्ली (आईएएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल शनिवार को सवर्ण आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। ऐसे में सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान अधिनियम 2019 को मंजूरी मिलने के बाद सवर्णाें में खुशी की लहर है। इसके तहत आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इस सप्ताह शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन लोकसभा और राज्यसभा में ये बिल पेश किए गए थे। हालांकि दोनों सदनों में इसको लेकर काफी हंगामा हुआ लेकिन सरकार इन्हें पास कराने में सफल रही।
 
10 परसेंट आरक्षण देने को रास्ता साफ हुआ
बता दें कि गरीब सवर्णों को 10 परसेंट आरक्षण देने वाला बिल मंगलवार 8 जनवरी को लोकसभा में पेश किया गया था। इस दाैरान सवर्ण आरक्षण संशोधन बिल हंगामें के बाद पास हुआ। लोकसभा में वोटिंग भी हुई थी। इस दाैरान कुल 326 सदस्यों ने वोटिंग में भागीदारी की। इसमें 323 लोकसभा सदस्यों ने बिल के पक्ष में वोटिंग की। वहीं 3 लोगों ने बिल के खिलाफ वोट डाले। वहीं दूसरे दिन राज्य सभा में भी रात 10 बजे तक चली बहस के बाद हुई वोटिंग में यह बिल दो बिहाई बहुमत से पास हुआ। इस बिल के पक्ष में कुल 165 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सिर्फ 7 वोट पड़े। इस तरह से भारत के गरीब सवर्णों को 10 परसेंट आरक्षण देने को रास्ता साफ हुआ था।

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