जीतने के बाद प्रीत गिल ने कहा, "जिस जगह मैं बड़ी हुई और पली, उस जगह का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है" उन्होंने कहा, "मैं कार्यकाल के पहले साल में सबसे रिश्ते बनाना चाहती हूँ।" ब्रिटेन में सिख फ़ेडरेशन ने पहली सिख महिला के जीतने पर ख़ुशी जताई है। प्रीत गिल के पिता बस ड्राइवर का काम करते थे और उनकी पढ़ाई लिखाई बर्मिंघम ऐजबेस्टन में ही हुई। राजनीति में दिलचस्पी का श्रेय वो अपने पिता को देती हैं।
मुद्दों की बात करें तो प्रीत गिल ने स्कूली शिक्षा के बजट में कटौती का लगातार विरोध किया है। राजनीति में वो पहले से सक्रिय रही हैं और स्थानीय पार्षद के तौर पर काम कर चुकी हैं।
सोशल मीडिया पर बधाई
प्रीत गिल के लिए ये मुकाबला आसान नहीं माना जा रहा था क्योंकि 2015 में लेबर पार्टी ने केवल 2706 वोटों से यहाँ से चुनाव जीता था। इसके अलावा भारतीय मूल के तनमनजीत सिंह भी स्लो सीट से चुने गए हैं और वो पहले पगड़ीधारी सिख होंगे जो सांसद बनेंगे। भारतीय मूल के ही कुलदीप सिंह केवल 720 वोटों से हार गए।
सोशल मीडिया पर लोग प्रीत गिल को लगातार बधाई दे रहे हैं। @SinghLions हैंडल से हरजिंदर कुकरेजा ने लिखा है, "राजकुमारी सोफ़िया दलीप कौर आज गर्व महसूस कर रही होंगी। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी और अब एक सिख महिला सासंद बनी हैं।"
@SikhProf हैंडल से सिमरन जीत सिंह ने ट्वीट किया है, "ये ऐतिहासकि है, ब्रिटेन ने अपनी महिला सिख सांसद चुनी है और पहला पगड़ीधारी सांसद।"
बर्मिंघम ऐजबेस्टन सीट से पिछले कई दशकों से महिला ही सांसद चुनी जाती रही हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में सिखों की जनसंख्या चार लाख 32 हज़ार 429 है। पिछले चुनाव में ब्रितानी संसद में भारतीय मूल के 10 सांसद चुने गए थे।
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