ऐसा क्लाईमेक्स शायद ही किसी ने देखा हो. आख़िरी के 30 सेकंड ने पुर्तगाल को इस विश्व कप से विदा होने से बचा लिया. पुर्तगाल के लिए मसीहा बने सिलवस्त्रे वरेला. पूरे मैच में बेअसर नज़र आए पुर्तगाल के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपना जलवा आख़िर के लिए बचा रखा था. उनके एक शानदार, सटीक क्रॉस को सिलवस्त्रे ने अमरीकी गोल पोस्ट में झुलाकर पुर्तगाली उम्मीदों को फिर से ज़िंदा कर दिया. इससे पहले तक पुर्तगाल की घर वापसी लगभग तय लग रही थी.
ग्रुप जी के इस बेहद रोमांचक मैच में दोनों टीमें 1-1 से बराबर चल रही थीं. तभी 81वें मिनट में अमरीकी खिलाड़ी क्लिंट डेंपसे के ज़ोरदार गोल से ऐसा लगा मानो पुर्तगाल को बोरिया बिस्तर समेट कर वापस जाना पड़ेगा. लेकिन इसके बाद जो हुआ वो इतिहास है.
अब पुर्तगाल को टूर्नामेंट में आगे जाने के लिए घाना पर असरदार जीत दर्ज करनी होगी साथ ही दुआ करनी होगी कि जर्मनी अपने आख़िरी लीग मैच में अमरीका को बड़े अंतर से हरा दे.
पुर्तगाल ने ली लीड
जर्मनी से बुरी तरह से हारने के बाद पुर्तगाल को ये मैच जीतना हर हाल में ज़रूरी था. पांचवे मिनट में ही अमरीका की कमज़ोर रक्षा पंक्ति का फ़ायदा उठाते हुए नानी ने छह यार्ड की दूरी से बेहतरीन किक लगाते हुए पुर्तगाल को 1-0 की बढ़त दिला दी.
इस झटके से जल्द ही उबरते हुए अमरीका ने दोबारा हमले शुरू कर दिए. 13वें मिनट में अमरीका को फ़्री किक मिली. क्लिंट डेंपसी की ज़ोरदार किक गोलपोस्ट से बस ज़रा सी चूक गई और अमरीका बराबरी करने से रह गया.
क्रिस्टियानो रोनाल्डो मैदान में मौजूद थे लेकिन अमरीका ने उन्हें कुछ कमाल दिखाने का मौक़ा ही नहीं दे रहा था. 24वें मिनट में एक बार फिर अमरीका को गोल करने का मौक़ा मिला लेकिन माइकल ब्रेडली बस ज़रा सा चूक गए.
अमरीका का हमलावर रवैया
लीड पुर्तगाल के पास थी लेकिन आक्रमण अमरीका ज़्यादा कर रहा था. अमरीका के हमलावर रुख से पुर्तगाल रक्षात्मक खेल खेलने पर मजबूर हो चुकी थी. क्लिंट डेंपसी के अलावा फ़ाबियान जॉनसन भी पुर्तगाल पर दबाव बनाए हुए थे. 43वें मिनट में पहली बार रोनाल्डो ने अपने खेल की झलक दिखाई जब वो तेज़ी से अमरीकी हाफ़ की तरफ भागे और नानी को एक ख़ूबसूरत पास दिया.
रक्षात्मक रवैया पड़ा भारी
पुर्तगाली खिलाड़ी एडर की ज़बरदस्त किक को अमरीकी गोलकीपर टिम हॉवर्ड ने एक हाथ से रोका. ये कमाल का बचाव था और स्टेडियम में हॉवर्ड को इसके लिए ज़बरदस्त तालियां मिलीं.
पुर्तगाल की एप्रोच में गड़बड़ी तब नज़र आने लगी जब अमरीका के ज़बरदस्त हमलों को देखते हुए उन्होंने काउंटर अटैक करने के बजाय अपनी बढ़त को बचाने की कोशिश शुरू कर दी. पुर्तगाल को अपने रक्षात्मक खेल का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा जब 64वें मिनट में जर्मेन जोंस ने 22 गज की दूरी से एक ताकतवर किक मारकर बॉल को गोल में झुला दिया.
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