देहरादून (पीटीआई)। केदारनाथ नाथ के कपाट बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई पहली पूजा के साथ खोले गए। कोरोना वायरस की वजह से लागू लाॅकडाउन के बीच मंदिर समिति के सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी इस पूजा में शामिल हुए। गढ़वाल हिमालय में स्थित केदारनाथ में ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के द्वार सुबह 6.10 बजे खोले गए। मंदिर समिति के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर को 10 क्विंटल फूलों के साथ भव्य तरीके से सजाया गया था।
15 मई से खुलेंगे कपाट
हिमालय में चार प्रसिद्धि तीर्थ स्थल हैं केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री। इन सभी के कपाट छह महीने तक बंद रहते हैं फिर हर साल अप्रैल से मई के बीच खोले जाते हैं। इस दौरान वे पूरी तरह से बर्फ के बने रहते हैं। गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर खोल दिए गए थे। वहीं बद्रीनाथ के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे। केदारनाथ समिति के अनुसार बद्रीनाथ में पहला रुद्राभिषेक पीएम मोदी की तरफ से किया गया।
मुख्य पुजारी के अनुपस्थिति में हुई पहली पूजा
मंदिर के मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग के न होने पर ये पूजा शिवशंकर लिंग ने कराई। दरअसल मुख्य पुजारी 14 दिन के क्वाॅरंटीन में हैं। पूजा के दौरान मंदिर में पुजारी, मंदिर समिति और सिर्फ प्रशासन अधिकारी ही मौजूद थे। एक अधिकारी ने कहा कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से तीर्थयात्रियों को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। मंदिर के कपाट इसलिए खोले गए ताक पुजारी वहां पर रोजाना की आरती कर सकें।
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