लोगों को नाराज होने का अधिकार : नितिन गडकरी
पद्मावती को लेकर सबसे ताजा बयान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फिल्ममेकर्स को सीमा में रहने की सलाह तक दे डाली। उन्होंने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी मूलभूत अधिकार जरूर है लेकिन एक सीमा में रहे तो बेहतर है। मेकर्स को सांस्कृतिक संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है। फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। लोगों को फिल्म से नाराज होने का अधिकार है। बीजेपी के सीनियर नेता का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो रहा है।
कहानी लिखने वाले हैं जिम्मेदार : उमा भारती
दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सटीक जवाब दिया। दीपिका का बचाव करते हुए उमा ने टि्वटर पर लिखा कि, जब हम पद्मावती के सम्मान की बात करते हैं तो हमें सभी महिलाओं के सम्मान का ध्यान रखना होगा। इसके बाद उमा ने एक और ट्वीट किया कि, 'फिल्म पद्मावती के संदर्भ में उस फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है. उनकी आलोचना अनैतिक होगी।' हालांकि उमा ने इस पूरे विवाद की वजह फिल्म मेकर्स को बताया। उन्होंने आगे लिखा कि, 'निर्देशक और पटकथा लेखक के तौर पर काम कर रहे भंसाली के सहयोगी इसकी कहानी के प्रति जिम्मेदार हैं। उनको लोगों की भावनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का ख्याल रखना चाहिए।'
फिल्म रिलीज न हो : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शांति व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर 1 दिसंबर को फिल्म रिलीज न करने की मांग की है। योगी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा, राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा। यूपी में निकाय चुनाव के लिए मतों की गिनती भी एक दिसंबर को ही होनी है।
जिनकी बीवियां रोज बदलती हैं शौहर, वो क्या जानें जौहर : चिंतामणि मालवीय
उज्जैन सांसद और मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. चिंतामणि मालवीय ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विरोध किया है। मालवीय ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मैं फ़िल्म पद्मावती का पुरजोर विरोध और बहिष्कार करता हूं। मेरे शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस फ़िल्म को बिल्कुल न देखें। फ़िल्म बनाकर चन्द पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है। आगे भाजपा नेता ने लिखा, 'यह देश रानी पद्मावती का अपमान नही सहेंगा। हम गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़खानी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी कवियों द्वारा लिखे गए गलत इतिहास पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फ़िल्म बना दी है। यह न सिर्फ गलत है, बल्कि निंदनीय है, जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती है वे क्या जाने जौहर क्या होता है? अभिव्यक्ति के नाम पर संजय भंसाली की मानसिक विकृति नहीं सहन की जाएगी।
दीपिका पादुकोण हैं अनपढ : सुब्रमण्यन स्वामी
फिल्म पद्मावती की रिलीज पर दीपिका ने भी बयान दिया था। दीपिका ने सवाल किया था कि, एक राष्ट्र के तौर पर हम कहां पहुंच गए हैं, हम आगे बढ़ने के बदले पीछे जा रहे हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी को दीपिका की बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने दीपिका की अनपढ़ तक कह दिया। पद्मवती पर बैन की मांग को लेकर स्वामी ने कहा, 'किसी एक फिल्म की रिलीज रुकने का मतलब ये नहीं है कि हमारा देश पीछे जा रहा है। दीपिका के बयान से लगता है कि वो पढ़ी-लिखी नहीं हैं। उन्हें फिर से पढ़ाई शुरू कर कुछ सीखना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ सिनेमा के आधार पर देश को पिछड़ा बताया जा रहा है। हमें ये भी नहीं पता कि दीपिका भारत की नागरिक हैं भी या नहीं। दीपिका के बयान की पूरे देश में आलोचना होनी चाहिए। यही नहीं स्वामी ने फिल्म के बजट पर भी सवाल उठा दिए, उन्होंने कहा कि इस फिल्म में किसका पैसा लगा यह बात सामने आनी चाहिए।
क्यों है विवाद ?
फिल्म 'पद्मावती' से जुड़े एक, दो नहीं बल्िक कुल 8 विवाद हैं। आरोपों के मुताबिक फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महिमामंडित किया गया है। खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है। रानी पद्मावती को उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में नहीं होता। घूमर डांस में भी राजपूत समाज की गलत प्रस्तुति हुई। कहा जा रहा कि पुरुषों के सामने रानियां डांस नहीं करती।
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