हमले की यह घटना अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से सटे ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत की है जहां पोलियो की दवा पिलाने वाला दल एक गांव से गुजर रहा था.

पाकिस्तान में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है. पोलियो की दवा पिलाने वाले दलों पर पहले भी हमले होते रहे हैं.

इस हमले की अभी तक किसी गुट ने ज़िम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तालिबान पोलियो के ख़िलाफ़ मुहिम का यह कहकर विरोध करता रहा है कि इसकी आड़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसी होती है.

चरमपंथी इसे मुसलमानों के ख़िलाफ़ पश्चिमी देशों की साज़िश भी बताते हैं.

राष्ट्रव्यापी मुहिम

दिसम्बर 2012 से अब तक पाकिस्तान में पोलियो की दवा पिलाने के कार्यक्रम से जुड़े 40 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

पिछले महीने ही कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने कराची में तीन पोलियो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के एक दिन पहले ही अधिकारियों ने पोलियो के ख़िलाफ़ नई राष्ट्रव्यापी मुहिम शुरू की थी.

पाकिस्तान दुनिया के उन तीन मुल्कों में से एक है जहां पोलियो के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. दो अन्य देश नाइजीरिया और अफ़ग़ानिस्तान हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, पाकिस्तान में पिछले साल पोलियो के 91

मामलों का पता चला था जबकि साल 2012 में ऐसे मामलों की संख्या 58 थी.

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