प्रयागराज ब्यूरो । : पुलिस की सुरक्षा में शूटरों की गोली का शिकार हो चुके आईएस-227 गैंग के सरगना रहे अतीक अहमद मरहूम हो गए हैं. मगर, उनकी बेनामी सम्पत्तियों अब भी शेष हैं. उसके द्वारा यमुना किनारे ऐशगाह बनाने के उद्देश्य से दूसरे के नाम खरीदी गई सम्पत्ति पुलिस द्वारा शुक्रवार को कुर्क की गई. कुर्क की गई इस जमीन की अनुमानित कीमत करीब छह करोड़ रुपये बताई गई है. नैनी इलाके के मीरखपुर उपरहार इस जमीन का बैनामा अतीक ने अपने नौकर के नाम से कराया था. अब उसकी इस बेनामी सम्पत्ति पर पुलिस ने कुर्की का बोर्ड लगा दिया गया है. इस कार्रवाई से पूर्व पुरे इलाके में मुनादी भी कराई गई.

नौकर ने खुद खोल दी थी पोल
इसी वर्ष अप्रैल में नवाबगंज के सरायराह कोरारी आनापुर निवासी श्यामजी सरोज उर्फ श्यामबाबू पुलिस अफसरों के पास पहुंचा. बताते हैं कि उसके द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई कि अतीक अहमद ने उसके नाम पर बेनामी संपत्ति का बैनामा करा रखा है. वह अतरसुइया निवासी दो सगे भाई के घर में सफाईकर्मी का काम करता था. वह दोनों अतीक के करीबी रहे. माफिया की बेनामी संपत्ति बनाने में दोनों ने उसका इस्तेमाल किया. उसके नाम पर जमीन का बैनामा 2021 में कराया गया था. जमीन के दस्तावेजों को वह खुद रख लिए थे. घर में काम करने के बदले उसे प्रतिमाह आठ हजार रुपये दिए जाते थे. यह भी आरोप लगाया था कि जब उससे कहा गया था कि उसके नाम पर जमीन की जाएगी तो उसने मना कर दिया था. जिस पर उसे बंधक बनाकर उक्त लोगों द्वारा पिटाई की गई थी. कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए थे.

इसके बाद एक्शन में जुटी पुलिस
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद जिसके यहां वह काम करता था वह दोनों भाई उक्त संपत्तियों को अपने नाम लिखाने का दबाव बना रहे थे.
उसने यह भी बताया कि फूलपुर व हंडिया में भी उसके नाम पर जमीन खरीदी गई है. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने इन जमीनों का पता लगाना शुरू किया.
नैनी के मीरखपुर उपरहार में दो प्लाट का पता चला, जिसकी कीमत छह करोड़ रुपये है. इसकी रिपोर्ट पुलिस आयुक्त न्यायालय में दी गई.
बताया गया कि इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित धन से औने-पौने दाम पर खरीदा गया है. जमीन के स्वामियों को डराकर बैनामा कराया गया.
पुलिस आयुक्त न्यायालय ने मीरखपुर उपरहार स्थित दो प्लाटों को कुर्क करने का आदेश दिया.
शुक्रवार को एसीपी वरुण कुमार के नेतृत्व में तीन थानों की फोर्स माफिया की जमीन कुर्क करने पहुंची.
पीएसी के जवानों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी थे. कार्रवाई के बाद यहां जमीन कुर्क किए जाने का बोर्ड लगवाया गया.