लंदन (पीटीआई)। 49 वर्षीय नीरव मोदी की साउथ वेस्ट लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए पेश हुआ। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने जब फैसला सुनाया तो नीरव के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। जज ने फैसले में कहा, 'मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि इसके खिलाफ फ्राॅड और मनी लाॅन्ड्रिंग मामले के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।' फैसले के बाद उन्होंने यह रूलिंग यूके की सेक्रेटरी ऑफ स्टेट प्रीति पटेल को भेज दी।
कोर्ट के फैसले पर अमल होने की संभावना अधिक
भारत-यूके प्रत्यर्पण संधि के तहत कैबिनेट मिनिस्टर ही आदेश देने के लिए अधिकृत है। इस फैसले के तहत मंत्रालय के पास निर्णय लेने के लिए दो महीने का वक्त है। ऐसा देखने कम ही देखने में आया है कि होम सेक्रेटरी कोर्ट के आदेश के खिलाफ गया हो। प्रत्यर्पण संधि के तहत मृत्यु दंड या अन्य कोई आशंका होने पर ही कोर्ट के आदेश से इतर फैसला लिया जा सकता है, जो कम से कम इस मामले में तो नहीं लगता।
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