नई दिल्ली (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय 'बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईंधन को बढ़ावा देना' है। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार पीएम ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ई 100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया और 2020-25 के लिए भारत में इथेनॉल मिश्रण की कार्ययोजना पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का अनावरण किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।
Prime Minister Narendra Modi along with Union Environment Minister Prakash Javadekar, Union Petroleum Transport Minister Dharmendra Pradhan address a virtual meeting in view of World Environment Day. pic.twitter.com/aZglWwBaKX
— ANI (@ANI) June 5, 2021
पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत जरूरी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है। 6-7 साल में रिन्यूएबल एनर्जी की हमारी क्षमता में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इंस्टॉलड रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के मामले में भारत आज दुनिया के टॉप-5 देशों में है। इसमें भी सौर ऊर्जा की क्षमता को बीते 6 साल में लगभग 15 गुना बढ़ाया है।
On the occasion of World Environment Day India has taken another big step by releasing an elaborative roadmap for development of the Ethanol sector. E100 pilot project related to production & distribution of ethanol has also been launched in Pune today: PM Narendra Modi pic.twitter.com/ZvqQX2kYCm
— ANI (@ANI) June 5, 2021
तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे
पीएम मोदी के मुताबिक पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत जरूरी है। देश का एक-एक नागरिक जब जल-वायु और जमीन के संतुलन को साधने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे।
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