नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा 'देह वीचवा करणी' का विमोचन किया। पीएम ने कहा कि डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन आज भले हुआ हो लेकिन उनके जीवन की कथाएं महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में मिलेंगी। डाॅक्टर बालासाहेब विखे पाटिल ने कई बार लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके अलावा गांव गरीब के विकास के लिए, शिक्षा के लिए, उनका योगदान हो, महाराष्ट्र में कॉपरेटिव की सफलता का उनका प्रयास हो। यह सब आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देगें। इसलिए बालासाहेब विखे पाटिल के जीवन पर ये किताब बहुत महत्वपूर्ण है।


राजनीति के जरिए समाज की भलाई की कोशश की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने सत्ता और राजनीति के जरिए हमेशा समाज की भलाई का प्रयास किया। उन्होंने हमेशा इसी बात पर बल दिया कि राजनीति को समाज के सार्थक बदलाव का माध्यम कैसे बनाया जाए, गांव और गरीब की समस्याओं का समाधान कैसे हो। व्यक्ति कितना ही पढ़ा-लिखा क्यों न हो, अगर उसमें खेती का कौशल नहीं हो तो वो कभी खेती नहीं कर पाएगा, जब ऐसी बात है तो हमें खेती को एंटरप्राइज क्यों नहीं कहते? बालासाहेब विखे पाटिल जी के मन में ये प्रश्न ऐसे ही नहीं आया।जमीन पर उन्होंने जो अनुभव किया, उसके आधार पर ये बात कही। बालासाहेब विखे पाटिल के इस सवाल का उत्तर आज के ऐतिहासिक कृषि सुधारों में है।


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित ये लोग रहे माैजूद
इतना नहीं पीएम मोदी ने प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी का नाम बदलकर लोकनेते डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी कर दिया। प्रवर ग्रामीण एजुकेशन सोसायटी की स्थापना 1964 में अहमदनगर जिले के लोनी में की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और बालिकाओं को सशक्त बनाना था। सोसायटी वर्तमान में छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सांसद डॉक्टर सुजय विखे पाटिल, प्रवर मेडिकल ट्रस्ट के अधिकारी और प्रवर शुगर फैक्ट्री के अधिकारी भी मौजूद थे।

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