नई दिल्ली (एएनआई)। देश में बुधवार को डॉक्टर बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर को उनकी 130 वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं अंबेडकरजयंती पर भारत रत्न डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करता हूं। समाज के हाशिए के वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक उदाहरण बना रहेगा। पीएम मे अलावा कई अन्य राजनेताओं ने भी उन्हें नमन किया।
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
I bow to the great Dr. Babasaheb Ambedkar on #AmbedkarJayanti.— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2021
अंबेडकर ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया
14 अप्रैल, 1891 को जन्मे डाॅक्टर बाबासाहेब अंबेडकर एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने अछूतों (दलितों) के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों का समर्थन किया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया। उन्हें भारतीय संविधान के वास्तुकार होने के लिए भी जाना जाता है। 1990 में अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
कुछ इस तरह से थे बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर के विचार
डॉक्टर बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर के विचार आज भी लोगों को प्रभावित करते हैं। वह कहते थे कि कानून और व्यवस्था शरीर रूपी राजनीति की दवा है और जब शरीर रूपी राजनीति बीमार हो जाए, तो दवा का प्रबंध किया जाना चाहिए। इसके अलावा जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए। इसके साथ ही वह कहते थे कि जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं करते हैं, तब तक कानून द्वारा जो भी स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, आप उसका लाभ नहीं ले सकते हैं।
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