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CHAIBASA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में विजय संकल्प रैली में कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा. कहा कि मैंने एक बार बोफोर्स घोटाले का नाम लिया तो कांग्रेस को बिच्छू काट गया, तूफान आ गया. पेट में इतना जोर से दर्द हुआ कि दहाड़े मारकर रोना ही बाकी रह गया! ये जितना रोएंगे उतना ही उनकी सच्चाई लोगों के सामने आएगी. ये वही लोग हैं जो हमेशा अमर्यादित भाषा में पीएम को गाली देते हैं. वे गाली देते हैं उस पर कोई चर्चा नहीं. उन्होंने कहा कि चाईबासा के इस मंच से मैं पूरी कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि हिम्मत है तो आगे जो दो चरण बाकी है वहां इसी मुद्दे पर चुनाव लड़कर देख लें. भोपाल गैस कांड में कितने लोग मारे गए. जिनके कार्यकाल में यह संहार हुआ है, उनके मान-सम्मान के मुद्दे पर चुनाव हो जाए. ये लोग लुंगी नीचे करके भागने की कोशिश न करें. कैसे थे वो प्रधानमंत्री, देश को बताएं.

आजादी का क्रेडिट कांग्रेस कैसे ले रही
उन्होंने कहा कि महामिलावटियों ने देश को बुरी तरह जकड़ रखा था. उसको तोड़ने में मैं बहुत हद तक कामयाब हो गया हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने ढकोसला पत्र (घोषणा पत्र) में एलान किया है जो नक्सलियों की मदद करते हैं, उनको सम्मान दिया जाएगा. देशद्रोह का कानून ही हटा देंगे. कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने वाले क्या देशद्रोही नहीं हैं. तो फिर क्या यह कानून हटना चाहिए. कांग्रेस नक्सलियों और आतंकियों को खुली छूट देने का प्लान बना रही है. जब मैं चौकीदार पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रहार करता हूं, तो उनको बिच्छू काटता है. कहते हैं मोदी मसूद अजहर पर कार्रवाई का क्रेडिट क्यों ले रहा है. यदि कांग्रेस देश की आजादी का क्रेडिट ले रही है, तो भगवान बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद क्या किसी दूसरे देश के लिए लड़ रहे थे.

दिख रहा उत्साह

मोदी ने कहा कि आपने 2014 में मजबूत सरकार का संकल्प लिया था. आज वही उत्साह कई गुना नजर आ रहा है. जिनको गैस कनेक्शन मिला, जिनके घर में शौचालय बने, जिनको पक्के मकान मिले, जिनके घरों में बिजली पहुंची वे सब आज मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं. पूरा देश एक साथ कह रहा है कि फिर एक बार मोदी सरकार.

आदिवासी सम्मान पर आंच नहीं

मोदी ने कहा कि मैं आदिवासी सम्मान पर आंच भी नहीं आने दूंगा. कानून बना दिया है जंगलों से जो भी खनिज निकलेगा जंगलों में रहने वालों के बच्चों के उत्थान पर खर्च होगा. आदिवासी कल्याण के बजट में 30 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान किया है. हमारा सपना है कि 2022 तक हर गरीब आदिवासी के पास पक्का घर हो, उसमें बिजली हो, गैस कनेक्शन हो, शौचालय हो, विकास के इन कार्यो के सामने सबसे बड़ा खतरा नक्सलवाद और आतंकवाद है.