आठ से लेकर 18 वर्ष के बीच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल एक समारोह में बहादुर बच्चों के जज्बे को पुरस्कृत किया. मोदी ने इन 24 बच्चों को असाधारण वीरता एवं तत्काल निर्णय लेने की क्षमता के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है. इस अवसर पर केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद रहीं. उन्होंने भी बच्चों की वीरता की सराहना की. राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले इन बच्चों की आयु आठ से लेकर 18 वर्ष के बीच हैं. इसके आलवा चार उन बच्चों को भी वीरता पुरस्कार से नवाजा गया जो आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके बहादुरी के कार्य आज भी समाज में जीवित है.
जान न्योछावर का मौका आता
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को सदेंश देते हुए कहा कि आगे भी इसी बहादुरी के साथ्ा बढ़ते जाओ. प्रसिद्धि और सफलता से विचलित हुए बगैर इन्हें अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीवन में कम-से-कम एक बार दूसरों के लिए जान न्योछावर करने का मौका आता है, लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो इन चुनौतियों को स्वीकार कर पाते हैं. मोदी ने कहा कि आज त्याग और वीरता के बल पर ही ये बच्चे आज समाज के लिए एक नजीर है. इन्होंने परेशानियों का डटकर मुकाबला किया. इन्होंने अपनी कम उम्र को अपनी कमजोरी नहीं बनने दी.
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