नई दिल्ली (एएनआई)। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से बातें साझा की। मोदी ने सबसे अफगानिस्तान पर भारत का दृष्टिकोण शेयर किया। भारत के बुलावे पर ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान तथा उज्बेकिस्तन के एनएसए शामिल हुए। सभी ने अपने नेताओं की शुभकामनाओं से पीएम को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान को लेकर भारत के प्रयासों की भी सराहना की।


सफल रहा एनएसए स्तर की वार्ता
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय वार्ता भारत की उम्मीदों से बढ़ कर रहा। संयुक्त दिल्ली घोषणा में सभी राष्ट्रों के एनएसए की सहमति रही। उन्होंने कहा कि सभी देशों के डेलीगेशन ने इस आयोजन की टाइमिंग तथा खुलकर इस मुद्दे पर चर्चा की तारीफ की। सूत्रों ने बताया कि वार्ता में हर देश को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला। एनएसए स्तर की इस वार्ता पर इस बात पर एकमत रहा कि इस प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा तथा इस मुद्दे पर आपस में नियमित सलाह-मशविरा किया जाता रहेगा।


आतंक तथा मानव संकट पर जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में प्रधानमंत्री ने दिल्ली सिक्योरिटी में महामारी के बावजूद शिरकत करने आए वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने इस बात जोर दिया कि अफगानिस्तार को लेकर राष्ट्रों को क्षेत्र पर ध्यान देना जरूरी है। अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार होनी चाहिए। आतंकवाद या आतंकी समूहों को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। अफगानिस्तान से ड्रग्स तथा हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए एक रणनीति की जरूरत है। साथ ही अफगानिस्तान में मौजूदा हालात में मानव संकट जो खड़ा हुआ है उस पर भी ध्यान देना जरूरी है।

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