टोक्यो (एएनआई)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम आईपीईएफ का शुभारंभ करेंगे। IPEF अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पहल है। जो चीन का प्रभाव कम करने के लिए एक कदम है। बाइडेन आईपीईएफ का अनावरण करेंगे जबकि अभी इस पहल के बारे में अधिक जानकारी का पता होना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईपीईएफ के शुभारंभ में भाग लेंगे। लेकिन भारत पहल में शामिल होता है या बातचीत होती है, यह देखा जाना बाकी है। IPEF के माध्यम से अमेरिका क्लीन एनर्जी, डीकार्बोनाइजेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चैन में सुधार जैसे शेयर ऑब्जेक्टिव पर काम करने के लिए इस क्षेत्र में भागीदार देशों की तलाश करेगा।
सप्लाई चेन रहेगी शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा
भारत ने एक रिलायबल सप्लाई चेन की आवश्यकता को बार-बार रेखांकित किया है। इस मुद्दे पर जापान में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने बताया कि शिखर सम्मेलन में सप्लाई चेन मुख्य मुद्दा बनी रहेगी। उन्होनें कहा कि जब आप इंडो पैसिफिक मेंप्रोस्पेरिटी, पीस और स्टेबिलिटी देखते हैं, तो सप्लाई चैन मुख्य मुद्दा बनी रहेगी। साथ ही बताया कि इसीलिए भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने सप्लाई चैन रेसिलिएंस इनिशिएटिव पर एक त्रिपक्षीय एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। भारत कल क्वाड मीट में भी भाग लेगा, जिससे इंडो पैसिफिक रीजन पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। कई लोग क्वाड को चीन के काउंटरफोर्स के रूप में देखते हैं, हालांकि, जापान में भारतीय दूत का कहना है कि क्वाड किसी भी देश के खिलाफ निर्देशित नहीं है।
कोई भी देश जबरदस्ती न अपनाए आर्थिक नीति का मार्ग
भारतीय दूत ने आगे कहा कि क्वाड एक पॉजिटिव, कंस्ट्रक्टिव एजेंडा है। इसलिए हम किसी देश या क्षेत्र को टारगेट नहीं करते हैं। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पीस और स्टेबिलिटी की उम्मीद कर रहे हैं, जिसका पालन किया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि हम यह देखना चाहते हैं कि कोई भी देश जबरदस्ती आर्थिक नीति का मार्ग न अपनाए। साथ ही कहा कि क्वाड मीटिंग का मुख्य उद्देश्य, एजेंडा, उद्देश्य शांतिपूर्ण स्थिर और प्रोस्पेरस इंडो पैसिफिक देखना है।
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