10,000 करोड़ रुपये खाली पड़े
जानकारी के मुताबिक, बैंकों, बीमा कंपनियों, ईपीएफओ और लघु बचत योजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये की रकम खाली पड़ी है। यानी कि मोदी सरकार इस राशि का उपयोग ऐसी जगह करना चाहती है, जिससे आम लोगों को लाभ मि सके। इस राशि का इस्तेमाल बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। यानी कि वरिष्ठ नागरिकों को अपने स्वास्थ्य के लिए बच्चों या परिवार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस प्रस्तावित योजना के जरिये उनकी द्वितीयक और तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
 
50,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा
इस योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को 50,000 रुपये से अधिक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। प्रस्तावित योजना की निगरानी वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग करेगा। सरकार का इरादा इस योजना को लाभार्थियों के बैंक खातों से जोड़ने का है जिससे सब्सिडी वाली राशि सीधे उनके खाते में डाली जा सके। प्रस्ताव के अनुसार सरकार गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को प्रीमियम पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी, जो सीधे उनके बैंक खातों में डाली जाएगी। बताते चलें कि वित्तमंत्री अरूण जेटली 29 फरवरी को बजट पेश करेंगे।
 
राशि नहीं होगी जब्त

सूत्रों ने हालांकि स्पष्ट किया कि सरकार बिना दावे वाली राशि को जब्त नहीं करेगी। यदि कोई दावेदार सामने आएगा तो उसे उसका भुगतान भी किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना कम प्रीमियम वाली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना का विस्तार होगी।

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