- बनारस आए मोदी ने राजातालाब में पैरिशेबल कार्गो यूनिट का किया लोकार्पण
कहा, ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफॉर्मेशन तेजी गति से होगा
- सड़कों और रेल रूट के निर्माण और तैयारियों पर दिया जोर
VARANASI
937 करोड़ की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए काशी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां से देश को 'परिवहन से परिवर्तन' मॉडल दिया। राजातालाब के कचनार में जनसभा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आजमगढ़ में देश के सबसे बड़े 'पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे' की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफॉर्मेशन तेजी से संभव हो सकेगा।
अन्नदाताओं को नहीं करना होगा समझौता
राजातालाब में अपनी सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने रेल और रोड रूट की महत्ता और इसके जरिए विकास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से पर सरकार का सबसे ज्यादा जोर है और इस इलाके में परिवहन से परिवर्तन के मार्ग पर सरकार ने तेजी से काम किया है। राजातालाब में 4.35 करोड़ की लागत से तैयार पैरिशेबल कार्गो यूनिट के लोकार्पण के साथ उन्होंने कहा कि इसके होने से अब अन्नदाताओं को अपनी उपज सड़ते हुए नहीं देखनी होगी, उसे औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर नहीं होना होगा। पीएम ने कहा कि इलाहाबाद से लेकर बलिया तक के रेल रूट के दोहरीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होते ही पूर्वाचल में विकास को और गति मिलेगी।
आत्मा पुरातन रहेगी, काया नवीन होगी
काशी के विकास को लेकर गंभीर प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से काशी को विकसित करने का प्रयास जारी है। विकास इस तरह किया जा रहा है कि काशी की आत्मा पुरातन ही रहेगी और काया नवीन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि काशी के कण-कण में संस्कृति की झलक दिखेगी और यहां व्यवस्थाएं स्मार्ट होती चली जाएंगी। कहा कि पिछले चार साल में यह तस्वीर सामने आने लगी है। बदलते बनारस की तस्वीरें मीडिया और सोशल मीडिया पर तारीफें भी बटोर रही हैं।
दोहराया अपना संकल्प
अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री मोक्षदायिनी का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता के लिए पिछले चार सालों में काफी काम हुआ है। उन्होंने बताया कि 21 हजार करोड़ रुपये की 200 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। यह किसी एक जगह पर नहीं बल्कि गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा की सफाई के लिए है। मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने भी तमाम प्लांट बनाए मगर यह कभी भी पूरी क्षमता से नहीं चले और जल्द ही खराब भी हो गए।