मुंबई (पीटीआई)। शुक्रवार को रिलीज होने वाली आलिया भट्ट की फिल्म ''गंगूबाई काठियावाड़ी' विवादों में आ गई है। फिल्म के नाम को लेकर लोगों में गुस्सा है। महाराष्ट्र के विधायक अमीन पटेल और दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में रहने वाली एक महिला ने बॉलीवुड फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में क्षेत्र के नाम के इस्तेमाल के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इसे सेंसर या हटाने की मांग की है कमाठीपुरा की रहने वाली श्रद्धा सुर्वे द्वारा दायर याचिका का उल्लेख मंगलवार को जस्टिस गौतम पटेल और माधव जामदार की खंडपीठ के समक्ष किया गया था, जिसमें तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी क्योंकि फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। हालांकि पीठ इस पर आज सुनवाई कर रही है।
कमाठीपुरा क्षेत्र को किया जा रहा बदनाम
संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म, लेखक एस हुसैन जैदी की पुस्तक "माफिया क्वींस ऑफ मुंबई" के एक अध्याय पर आधारित है, जिसमें आलिया भट्ट को गंगूबाई के रूप में दिखाया गया है, जो 1960 के दशक के दौरान कमाठीपुरा की सबसे शक्तिशाली, प्रिय और सम्मानित महिला में से एक थी। सुर्वे द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि फिल्म कमाठीपुरा क्षेत्र का खराब चित्रण दिखाती है और इसके निवासियों को बदनाम कर सकती है। याचिका में कहा गया है, "अगर फिल्म को कमाठीपुरा नाम से रिलीज करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे निवासियों, विशेषकर महिलाओं को नुकसान और अपमान होगा।"
समाज में पड़ेगा गलत असर
याचिका में कहा गया है, फिल्म में 'कामठीपुरा' नाम का कोई संदर्भ नहीं होना चाहिए। इसका 'नाम बदलकर कुछ और कर दें... मायापुरी या मायानगरी।' सुर्वे ने याचिका में यह भी कहा कि वर्तमान में, कमाठीपुरा क्षेत्र का पांच प्रतिशत भी वेश्यावृत्ति में सक्रिय नहीं है। याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म के ट्रेलर की रिलीज के बाद क्षेत्र की प्रतिष्ठा कम हो गई है, क्योंकि फिल्म पूरे क्षेत्र को रेड-लाइट हब के रूप में चित्रित करती है। याचिका में कहा गया है कि फिल्म का सामाजिक प्रभाव यह होगा कि सभी लड़कियों को वेश्या कहा जाएगा। उन्हें ताना मारा जाएगा, और परिवारों को कम सम्मान के साथ रहना होगा।
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