रुपये का निवेश नहीं
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने युवाओं के एक कार्यक्रम में मोदी सरकार की इस विजनरी योजना का संकेत दिया। इससे न सिर्फ प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, बल्कि महंगे जीवाश्म ईंधनों के आयात पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। उद्योग चैंबर सीआईआई की ओर से शुक्रवार को आयोजित यंग इंडिया कार्यक्रम में गोयल ने कहा, 'भारत साल 2039 तक इतने बड़े आकार वाला पहला ऐसा देश बन सकता है, जहां सिर्फ बैटरी चालित वाहन रहेंगे। हम इस कार्यक्रम को सेल्फ फाइनेंसिंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इसकी मदद के लिए सरकार की ओर से एक रुपये भी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देशवासियों को भी इसके लिए एक रुपये का निवेश नहीं करना पड़ेगा।' इस मौके पर वह अपनी इस योजना को और विस्तार में बताने से भी नहीं चूके।
इसकी किस्तें भर सकते
इतना ही नहीं उनका कहना है कि हम स्कीम पर काम कर रहे हैं। हम ऐसी बैट्री चालित कार मुफ्त में (जीरो डाउन पेमेंट पर) दे सकते हैं। लोग पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद पर होने वाली बचत से इसकी किस्तें भर सकते हैं। इनोवेशन संभव है। बस इसके लिए खुले दिमाग से विचार करने की जरूरत है। आपको इसके बड़े पैमाने के बारे में सोचना होगा और ईमानदारी बरतनी पड़ेगी।'गोयल ने सूचित किया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई में एक छोटा कार्यसमूह पहले ही गठित किया जा चुका है। इसमें तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं। अप्रैल के पहले सप्ताह में इस समूह की बैठक होने जा रही है। इसमें देश को 2030 तक सौ फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों वाला बनाने पर विचार किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री के मुताबिक, 'हम बड़े पैमाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
अगुआई करने की सोच रहे
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