कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक 16 दिन को पितृ पक्ष कहा जाता है। इसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 2 अक्टूबर को समाप्त हो रहे हैं। पितृ पक्ष में पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, तर्पण, दान आदि करना जरूरी होता है। मान्यता है कि इस दौरान पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है
मान्यता है कि कहा जाता है कि पितृ पक्ष के 16 दिनों के दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए लोग उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपाय करते हैं। हालांकि इस दौरान खाने-पीने के साथ कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आम मान्यताओं के अनुसार जो लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं, उन्हें श्राद्ध के दौरान सख्त आहार का पालन करना चाहिए। यहां उन खाने-पीने के बारे में जो श्राद्ध के 16 दिनों के दौरान नहीं खाना चाहिए।

श्राद्ध के दौरान इन चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिए
मांसाहारी चीजें
खासकर वो लोग जो अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध के दौरान पिंडदान और तर्पण करते हैं, उन्हें मांस, चिकन, अंडे आदि जैसे मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

प्याज और लहसुन
पितृ पक्ष के दौरान प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए। लहसुन और प्याज को राजसिक और तामसिक माना जाता है, जो शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा करते हैं।

शराब
हिंदू धर्म में, श्राद्ध के दौरान मांसाहारी भोजन खाने और मादक पेय पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।


गेंहू और दालें
यदि आप श्राद्ध अनुष्ठान कर रहे हैं, तो श्राद्ध के 16 दिनों के दौरान कच्चा अनाज, दालें या गेहूं खाना सख्त वर्जित है। इसलिए, श्राद्ध के दौरान अपने भोजन की तैयारी करते समय सावधान रहें और अपने व्यंजनों में कोई भी दाल, गेहूं या अनाज न डालें। काला नमक, जीरा या बैंगन जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से भी श्राद्ध में बचना चाहिए।

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