अगर सीधे ऊपर यानि भगवान के पास जाना हो तब ही इन दरवाजों को इस्तेमाल करें। इमरजेंसी एक्जिट के नाम पर आर्किटेक्ट ने ऐसे दरवाजे लगाकर वाकई कमाल कर दिया है।
इन आर्किटेक्ट्स ने खाई थी भांग जिसका हुआ ये अंजाम! देखें तस्वीरें
डायरेक्ट रोड ट्रैफिक लाइट देखने से आपकी आंखों में चमक न पड़े, इसलिए यहां पर आपको ट्रैफिक लाइट का रिफलेक्शन दिखाया जा रहा है।
पिछवाड़े में एक्यूप्रेशर कराने की जरूरत हो, तब ही इन सीटों पर बैठने का कष्ट करें।
पुल के नीचे से रोड न निकाल पाए तो सोचा उसका 3डी डिजाइन ही बना डालें। वैसे इस कलाकारी का नतीजा वो कार ड्राइवर भुगत रहा है, जिसने 3डी को असली समझकर दीवार में ही कार घुसाने की कोशिश की थी।
इन सीढ़ियों का अंतिम पायदान अद्रश्य बनाया गया है ताकि उतरने में लगने वाला समय कुछ बचाया जा सके।
इस आसमानी झूले से जमीन पर गिरकर कौन बच्चा अपने हाथ पैर तुड़वाना चाहेगा। आप ही बताएं।
अरे बाप रे! नहर के बगल में बने इतने संकरे साइकिल ट्रैक पर तो सर्कस वाले ही साइकिल चला पाएंगे।
यह नजारा देखकर तो भगवान भी कन्फ्यूज हो जाएंगे कि कौन मेल है और कौन फीमेल।
बिजली और पानी का ऐसा अनोखा संगम तो न आज तक देखा न सुना।
फ्लैट में बालकनी हो या न हो, लेकिन ग्रिल की सुरक्षा इस अपार्टमेंट में जरूर मिलती है।
इस झूले पर बैठकर झूलते हैं या लेटकर, समझना टेढ़ी खीर है। वैसे समझ जाते तो आर्किटेक्ट न बन जाते, इनकी तरह।
यहां बिजली और पानी दोनों मुफ्त हैं। बस आपके पास दोनों को झेलने की क्षमता होनी चाहिए।