कर्नाटक के अयंगर परिवार में दो फरवरी, 1948 को जन्मी जयललिता की मां फिल्म अभिनेत्री थीं। जयललिता की पढ़ाई बेंगलुरू और चेन्नई के कांवेंट स्कूलों में हुई। महज 16 साल की उम्र में जयललिता ने भी अभिनय की दुनिया में कदम रखा और सबसे पहले तमिल फिल्म 'वेन्निरा' में पर्दे पर नजर आईं। धीरे धीरे वह तमिल फिल्मों की अग्रणी अभिनेत्रियों में भी शुमार हुईं। उन्होंने 100 से ज्यादा तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में काम किया।
10 बातें : जिनके लिए लोग जान देते हैं, उन अम्मा के बारे में यह भी जान लो
जयललिता को एआईएडीएम के संस्थापक एम. जी. रामचंद्रन ने 1980 में पार्टी का प्रचार सचिव नियुक्त किया था। जिसके बाद 1984 में वह पहली बार राज्यसभा सांसद बनीं। वर्ष 1989 में पहली बार उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव जीता।
नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उन्होंने 25 मार्च, 1989 को हुई उस घटना के बाद सदन में नहीं जाने का फैसला किया जब उनकी साड़ी खींच ली गई थी और उस समय द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक के सदस्यों के बीच धक्कामुक्की में द्रमुक अध्यक्ष एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री करूणानिधि का चश्मा टूट गया था। उस वक्त जयललिता ने संकल्प लिया था कि वह मुख्यमंत्री बनने पर ही विधानसभा में लौटेंगी।
जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद जयललिता पहली बार साल 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
वर्ष 1997 में उनके जीवन पर बनी एक तमिल फिल्म 'इरूवर' आई थी जिसमें जयललिता की भूमिका ऐश्वर्या राय ने निभाई थी।
जयललिता ने तमिलनाडु में हाल ही में अम्मा ब्रांड पानी शुरू किया है। इसके अलावा इस नाम से कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की हैं।
जयललिता आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जा चुकी है। लगभग सात महीने बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनको बरी कर दिया था।
जयललिता अपने प्रशंसकों में आयरन लेडी के रूप में जानी जाती है। कई मामलों में सख्त तेवर से उनकी छवि आयरन लेडी के रूप में है।
जयललिता को पहली बार मद्रास विश्वविद्यालय से 1991 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली और उसके बाद उन्हें कई बार मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया जा चुका है।
2011 के विधानसभा चुनाव जयललिता को 234 में से 217 सीटों पर जीत मिली। जिसके बाद वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं।