दुनिया के 7 अरबवें इंसान को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. फिलीपीन्स की Danica May Camacho और इंडिया की Nargis दोनों को ही दुनिया का सात अरबवां इंसान बताया जा रहा है. लखनऊ के माल मलिहाबाद में 23 साल की विनीता और अजय के घर पैदा हुई बच्ची को प्लान इंडिया एनजीओ ने सिम्बोलिक world's seven-billionth inhabitant डिक्लेयर किया है. बच्ची का जन्म सुबह सात बजकर बीस मिनट पर हुआ. इसके पहले इंटरनेशनल मीडिया ने फिलीपीन्स के एक सरकारी अस्पताल में पैदा हुई बच्ची को दुनिया का सात अरबवां इसान बताया था.
31 अक्टूबर को दुनिया की आफीशिअल पापुलेशन 7 अरब हो गई है. माना जा रहा था कि यूनाइटेड नेशन्श 7 अरबवें बच्चे को इंडिया से चूज करेगा मगर आखिरी समय पर ऐसा नहीं हुआ. खबर आई कि यूपी के किसी गांव में पैदा हो रहा दुनिया का यह 7 अरबवां बच्चा फिलीपीन्स के मनीला में पैदा हो गया. यूएन ने मनीला में पैदा हुए इस बच्चे को प्रतीकात्मक तौर पर 7 अरबवां बच्चा मान लिया गया.
कयास यह भी लग रहे थे कि दुनिया के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में इस बच्चे का जन्म होगा. आफीशिअल्स ने तो यहां तक कह दिया था सात अरबवां बच्चा उत्तर प्रदेश में बागपत की खेकड़ा तहसील के गांव सुन्हैड़ा निवासी सचिन और पिंकी पंवार के घर पैदा होगा. मगर आखिरी समय पर यूनएन की घोषणा से सभी हैरान रह गये.
एक आकड़े के मुताबिक इंडिया में हर मिनट 51 बच्चे पैदा होते हैं. अकेले यूपी में ही 11 बच्चे हर मिनट पैदा हो रहे हैं. पापुलेशन के हिसाब से इंडिया चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है जबकि क्षेत्रफल में यह सातवें स्थान पर है. फिलीपीन्स 94.9 million पापुलेशन के साथ वर्ल्ड पापुलेशन लिस्ट में 12वें स्थान पर है.
31 अक्टूबर को दुनिया के 7 बिलियन के आकड़े को टच कर लेने के बाद इतनी बड़ी पापुलेशन को लेकर कई पापुलेशन एक्सपर्ट्स बेहद परेशान दिख रहे हैं. उनकी चिंता है कि इतनी बड़ी पापुलेशन के लिए हेल्थ, एजूकेशन और लाइवीहुड मुहैया कराना मुश्किल होगा. आकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 50 सालों में दुनिया की पापुलेशन दोगुने से भी ज्यादा हो चुकी है और इसके चलते सभी को समान सुविधाएं मिल पाना बेहद मुश्किल हो रहा है.
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