हालांकि उन्होंने अपनी पाकिस्तान वापसी की कोई तारीख निर्धारित नहीं की है. वो 2008 में सत्ता छोड़ने के बाद से ही स्वनिर्वासन में रह रहे हैं. मुशर्रफ ने पिछले साल अपनी वतन वापसी को उस वक्त अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था जब पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की कि उन्हें पाकिस्तान आते ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
मुशर्रफ के खिलाफ दो मामलों में गिरफ्तारी के वारंट जारी किए जा चुके हैं. 2006 में बलोच नेता अकबर खान बुगटी की मौत और 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में पुलिस को उनकी तलाश है.
खतरों से नहीं डरते
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की गठबंधन की सरकार इसी महीने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. पाकिस्तान में अपना कार्यकाल पूरा करने वाली ये पहली चुनी हुई सरकार है. इस सरकार की जगह एक कार्यवाहक सरकार लेगी जो संभवतः मई में होने वाले आम चुनावों तक सत्ता की बागड़ोर अपने हाथ में रखेगी.
मुशर्रफ ने शुक्रवार को दुबई में एक प्रेस कांफ्रेस में कहा, “मैंने फैसला किया है कि कार्यवाहक सरकार बनने के एक हफ्ते के अंदर मैं पाकिस्तान लौट जाऊंगा. कार्यवाहक सरकार 16 मार्च तक बन सकती है.” उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि मेरे खिलाफ मामले हैं और खतरा है. मैं खतरों से नहीं डरता हूं और मैं इसे खुदा पर छोड़ता हूं.”
पिछले आम चुनावों से पहले प्रचार के दौरान जब एक आत्मघाती हमले में बेनजीर भुट्टो की हत्या की गई तो मुशर्रफ ही पाकिस्तान राष्ट्रपति थे. उन पर बेनजीर को उचित सुरक्षा मुहैया न कराने के आरोप लगाए जाते रहे हैं.
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