इरादा बदलने पर मजबूर हुए मुशर्रफ
कराची (पीटीआई)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने वतन नहीं लौटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि वह वापसी के लिए तैयार थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। इसकी वजह से वह अपना इरादा बदलने पर मजबूर हो गए। मुशर्रफ ने चितराल और कराची से नामांकन भरा था। स्वदेश नहीं लौटने के कारण चितराल सीट से उनका नामांकन रद कर दिया गया। चुनाव अधिकारी से मिले समन के बाद उन्होंने कराची सीट से भी अपना नाम वापस ले लिया।
2016 से ही पाकिस्तान से बाहर हैं
देशद्रोह के आरोपों में घिरे 74 साल के मुशर्रफ 2016 से ही पाकिस्तान से बाहर हैं। इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में नामांकन भरने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि वह 13 जून तक पाकिस्तान लौट आएंगे। कोर्ट ने अगस्त में पेशी तक उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी थी।
सही समय का इंतजार करेंगे मुशर्रफ
वीडियो लिंक के जरिये गुरुवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए मुशर्रफ ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मुझे अपने इरादे को लेकर दोबारा सोचने पर विवश कर दिया। कोर्ट में पेशी के तुरंत बाद यदि मुझे गिरफ्तार कर लिया गया तो मेरे लौटने का कोई फायदा नहीं होगा। पूरी दुनिया जानती है कि मैं कायर नहीं हूं। लेकिन अब मैं सही समय का इंतजार करूंगा।' मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुशर्रफ अभी दुबई में रह रहे हैं। गौरतलब है कि मुशर्रफ की सत्ता 1999 में छिन गई थी जिसके बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनाए गए। इसी बीच पाकिस्तान की राजनीति में बड़ा बदलाव आया, जिसमें 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या की खबर सामने आई।
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