मुंबई (ब्यूरो): फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' से निर्देशक कृष के हटने के बाद सिनेमेटोग्राफर किरन देवहंस पहले ऐसे शख्स थे, जिनका नाम इस फिल्म के लिए तय हुआ था। अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स से समय निकालकर इस फिल्म से जुड़ने का श्रेय वह अभिनेत्री व निर्देशक कंगना रनोट को देते हैं। वह कहते हैं, 'जब मैं कंगना से मिला, तो वह फिल्म को लेकर स्पष्ट थीं। मैं उनके नजरिये से सहमत था। मेरे अनुसार हर कोई शूट के लिए तैयार था।' वह आगे कहते हैं कि वर्तमान समय में पीरियड ड्रॉमा की वास्तविकता बनाए रखना एक चुनौती थी।
कंगना अपने क्लोज-अप सिक्वेंस से खुश नहीं थीं। इसलिए हमने कई तरह से सीन को दोबारा शूट किया। हमने प्रोमो के लिए कुछ अलग एक्शन सीन भी शूट किए। सीन में एक समान रंग ही इस्तेमाल करने थे, ताकि यह दूसरी फिल्म न लगे। हमने दो महीने में फिल्म के 50 प्रतिशत से अधिक भाग की शूटिंग दोबारा की। यह मुश्किल था, पर हमने इसे पूरा किया।
फिल्म को लेकर कई विवाद हुए। कृष के बाद अभिनेता सोनू सूद ने भी फिल्म को अलविदा कहा। देवहंस कहते हैं कि कैमरे के पीछे भी कंगना बिल्कुल फिट हैं। कर्जत में शूटिंग के दौरान वह फिल्म 'मेंटल है क्या' की भी शूटिंग कर रही थीं। वह दो फिल्मों में आसानी से सामांजस्य बना रही थीं। उन्होंने 'मणिकर्णिका' में शानदार काम किया है।
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