इस मुक़ाबले में नबाबन को गंभीर चोटें आईं। उनकी जान तो बच गई लेकिन बायां हाथ ज़ख़्मी हो गया। इसके बाद भी वो मुक़ाबले में डटे रहे।
नबाबन का फ़िलहाल इलाज चल रहा है। गांव वाले अजगर का शव देख सकें, इसके लिए उसे कुछ समय तक पेड़ से लटकाया गया।
फिर पकाया गया और सबने मिलकर अजगर के तले हुए मांस का आनंद लिया।
अक्सर निकलते रहते हैं अजगर
बतांग गनसाल ज़िले में अजगर निकलने की यह पहली घटना नहीं है।
ज़िले की स्थानीय सरकार के अधिकारी एलिनारयोन ने बताया, "इसी साल तक़रीबन दस बार अजगर नज़र आ चुके हैं। गर्मियों में वे पानी की तलाश में बाहर निकलते हैं और बरसात में नहाने के लिए। पाम ऑइल प्लांटेशन होने की वजह से इस इलाक़े में चूहे बहुत हैं इसलिए शिकार की खोज भी अजगरों के बाहर आने की एक वजह है।"
नबाबन की बहादुरी
रॉबर्ट नबाबन को ये अजगर प्लांटेशन की एक सड़क पर मिला। अजगर के बैठने की वजह से सड़क जाम हो गई थी। लोग रास्ता पार नहीं कर पा रहे थे। लेकिन डर के मारे कोई कुछ करने की हालत में भी नहीं था।
37 साल के नबाबन से लोगों की यह मुश्किल देखी नहीं गई। वह अकेले ही अजगर से उलझ पड़े। अजगर ने नबाबन पर जवाबी हमला किया और उनके हाथ में दांत गड़ा दिए।
इंडोनेशिया की न्यूज़ वेबसाइट डेतिक से बात करते हुए नबाबन ने बताया, "मैं उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था। उसने मेरे हाथ में काट लिया। लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं।"
नबाबन ने इसका ज़िक्र नहीं किया कि उन्होंने अजगर को पकड़ने की कोशिश क्यों की लेकिन कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वो डरे हुए गांव वालों की मदद करना चाहते थे, या फिर उनकी कोशिश अजगर को सड़क के बीच से हटाने की थी।
एलिनारयोन के मुताबिक़ नबाबन को पेकनबारू शहर के अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। बीबीसी से बात करते हुए एलिनारयोन ने बताया कि नबाबन का बायां हाथ बुरी तरह घायल है और डॉक्टरों को "शायद उसे काटना भी पड़े।"
ऐसा खतरा नहीं लेना चाहिए
साथ ही एलिनारयोन ने ये भी जोड़ा कि लोगों को अकेले अजगर से भिड़ने से बचना चाहिए "आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।।। वह एक सांप है, अगर आप इसे मारने की कोशिश करेंगे, तो ज़ाहिर है उसे गुस्सा आएगा और वो जवाब में हमला करेगा!"
उन्हें इस बात पर कोई हैरानी नहीं हुई कि गांव वालों ने अजगर को खा लिया, "मैंने दोस्तों से सुना है कि अजगर का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है। इतना लंबा सांप, मतलब काफ़ी मांस! कुछ लोग मानते हैं कि अजगर के ख़ून में बीमारी ठीक करने की ख़ूबी होती है और इसका इस्तेमाल दवाइयों में किया जा सकता है।"
हालांकि ऐसा नहीं है कि गांव वाले हर बार अजगर को मात देने में क़ामयाब हो जाते हैं। इसी साल मार्च में एक गांव वाले का शव अजगर के पेट में मिला था।
International News inextlive from World News Desk
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