कुत्तों पर खर्च कर देते हैं पूरी सैलरी
भोपाल के रहने वाले व बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यरत 50 वर्षीय लक्ष्मीनारायण शर्मा को लच्छू के नाम से ही पुकारते हैं। वह कुत्तों को बहुत प्यार करते हैं। लक्ष्मीनारायन अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा कुत्तों पर ही खर्च कर देते हैं। रोजाना 400-500 रोटियां कुत्तों को खिलाते हैं। घर और होटल से कुत्तों के लिए रोटी लेकर निकलते हैं। उनके आने-जाने का समय कुत्तों को भी पता है वह भी उन्हें बहुत प्यार करते हैं। उन्हें देखते ही घेर लेते हैं। अगर रोटी की व्यवस्था नहीं हो पाती तो ब्रेड आदि खिलाते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इसीलिए शादी नहीं की। गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियों में फंसकर वह कुत्तों को इतना प्यार और ध्यान न दे पाते। वह कहते हैं उन्होंने महसूस किया है लोग गली के कुत्तों को अक्सर हीन नजरों से देखते हैं जबकि कुत्ते इंसानों से ज्यादा वफादार होते हैं। वह भविष्य में कुत्तों के लिए श्वान आश्रम खोलना चाहते हैं। जहां पर कुत्तों की रहने की उचित व्यवस्था और इलाज हो सके। अब कुत्ते ही उनकी जिंदगी बन बैठे हैं।
इन्होंने भी कुत्तों को माना अपनी जिंदगी
बीते साल कुत्तों के प्रति प्यार और उनके लिए शादी न करने की वजह से चेन्नई के मंडावली इलाके की ए. मीणा समाज काफी चर्चा में रहीं। 36 साल की ए. मीणा समाज अपने दो कमरे के मकान में रहती हैं और साथ उसी में कुत्तों को भी रखती हैं। वह 17 सालों से कुत्तों की सेवा में लगी हैं। कुत्तों को वह भगवान की तरह से पूजती हैं। वह घर पर पले कुत्तों को ही नहीं बल्िक सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को भी हर दिन खाना बनाकर खिलाती हैं। उनका भी कुछ ऐसा ही कहना है कि अगर वह शादी करती तो वह कुत्तों के इतने करीब नहीं रह पाती हैं। उन्हें दूर रहना पड़ता। खास बात तो यह है कि ए. मीणा समाज खुद कहती हैं लोग उनका मजाक बनाते हैं लेकिन वह लोगों की फिक्र नहीं करती हैं। आज वह कुत्तों को ही अपनी जिंदगी मानती हैं।
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