एडिन्हो एक सेवानिवृत्त फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं. वह 1990 के दशक में पेले के पुराने क्लब सैंटोज़ में गोलकीपर रहे हैं.
उन्हें पहली बार साल 2005 में गिरफ़्तार किया गया था और नशीले पदार्थों की तस्करी और सैंटोज़ शहर के कुख्यात ड्रग डीलर से संबंधों के लिए सज़ा भी सुनाई गई थी.
एडिन्हो का असली नाम एडसन चोल्बी डा नासिमेंटो है. उन्होंने यह स्वीकार किया है कि उन्हें नशे की लत है लेकिन वो तस्करी के आरोपों से इनकार करते हैं.
साओ पाओलो राज्य के तटीय शहर प्राया ग्रांड के एक न्यायाधीश ने यह फ़ैसला सुनाया. ब्राज़ील का मीडिया अभी तक एडिन्हो से संपर्क नहीं कर पाया है, लेकिन कहा जा रहा है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं.
क़रीब 43 साल के एडिन्हो सैंटोज़ में गोलकीपिंग कोच के रूप में काम करते हैं.
अमरीका में बीता बचपन
एडिन्हो के पिता पेले, जिनका पूरा नाम एडसन अरांतेज़ डो नासिमेंटो है, ब्राज़ील में अपने पेशेवर करियर के दौरान सैंटोज़ के लिए खेलते थे.
ब्राज़ील के लिए खेलते हुए वह 1958, 1962 और 1970 की विश्व कप विजेता टीम में शामिल थे और उन्हें अपनी पीढ़ी का महानतम फ़ुटबॉलर माना जाता है.
वह 1974 में रिटायर हुए लेकिन एक साल बाद उन्होंने न्यूयॉर्क कॉस्मोज़ के लिए वापसी की. एडिन्हो, पेले की पहली शादी से हुए तीसरे बेटे हैं. जब वह पांच साल के थे तब उनका परिवार न्यूयॉर्क चला गया था.
जब वह ब्राज़ील लौटे तो उन्होंने पेशेवर फ़ुटबॉल में गोलकीपर के रूप में अपना करियर बनाने का फैसला किया और यह उनके पिता के लिए हैरानी की बात थी.
वह 1995 में सैंटोज़ के गोलकीपर थे जब उनकी टीम ब्राज़ील लीग के फ़ाइनल में पहुंची लेकिन बोटाफ़ोगो से हार गई.
उनकी नज़रबंदी और ड्रग गिरोहों के साथ उनकी कथित संलिप्तता से ब्राज़ील में ज़्यादातर लोग हैरान हैं. पेले अब 73 साल के हो चुके हैं और वह अपने बेटे से मिलने के लिए कई दफ़ा जेल जा चुके हैं.
उन्होंने 2006 में कहा था, "भगवान ने चाहा तो न्याय मिलेगा. मेरे बेटे के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है." एडिन्हो ने कहा था कि उनके पिता उनके आदर्श हैं.
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