ये कहानी नहीं हकीकत है पटना सिटी की रहनेवाली 8वीं की छात्रा साक्षी (काल्पनिक नाम) का. जिसके साथ करीब एक साल पहले छेडख़ानी की घटना हुई थी. लेकिन उसका दंश अब भी झेल रही है. बकौल साक्षी जब वह स्कूल जाती-आती थी तब मुहल्ले के दो लड़के उसे छेड़ते थे. कई बार विरोध किया. लेकिन मनचलों ने नहीं मानी. तब उसने घरवालोंं को सारी बात बताई. फिर प्रिंसिपल से भी शिकायत की. आखिरकार साक्षी की मां ने कहा, बेटी तुम्हें लोग बदनाम कर देंगे. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम पढ़ाई छोड़ दो.
... तो मिली पिटाई
साक्षी की मानें तो छेडख़ानी की बात जब मामा को पता चली तो उन्होंने दोनों लड़के सूरज केवट पिता छोटन केवट और सागर केवट पिता संजय केवट (निवासी मेहंदीगंज थाना के दलदलीगंज) को समझाया. लेकिन असर उल्टा हुआ. दोनों ने मामा की पिटाई कर दी. मामला मेहंदीगंज थाना में दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों पर पास्को और अन्य धारा लगाकर जेल भेजा. लेकिन चंद दिनों बाद ही जेल से जमानत मिल गई और दोनों बाहर आ गए. उसके बाद दोनों के तेवर और तल्ख हो गए. अब तो हमारे परिवार वालों का जीना दुश्वार कर दिया है.
दोनों नामजद को जेल भेजा गया था. कोर्ट से जमानत पर छूटे हैं. कांड को अंजाम देने वाले फिर जेल जाएंगे. बच्ची को स्कूल जाने और पढ़ाई की व्यवस्था कराई
जाएगी. किसी को कानून को हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा.
ये कहानी नहीं हकीकत है पटना सिटी की रहनेवाली 8वीं की छात्रा साक्षी (काल्पनिक नाम) का. जिसके साथ करीब एक साल पहले छेडख़ानी की घटना हुई थी. लेकिन उसका दंश अब भी झेल रही है. बकौल साक्षी जब वह स्कूल जाती-आती थी तब मुहल्ले के दो लड़के उसे छेड़ते थे. कई बार विरोध किया. लेकिन मनचलों ने नहीं मानी. तब उसने घरवालोंं को सारी बात बताई. फिर प्रिंसिपल से भी शिकायत की. आखिरकार साक्षी की मां ने कहा, बेटी तुम्हें लोग बदनाम कर देंगे. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम पढ़ाई छोड़ दो.
साक्षी की मानें तो छेडख़ानी की बात जब मामा को पता चली तो उन्होंने दोनों लड़के सूरज केवट पिता छोटन केवट और सागर केवट पिता संजय केवट (निवासी मेहंदीगंज थाना के दलदलीगंज) को समझाया. लेकिन असर उल्टा हुआ. दोनों ने मामा की पिटाई कर दी. मामला मेहंदीगंज थाना में दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों पर पास्को और अन्य धारा लगाकर जेल भेजा. लेकिन चंद दिनों बाद ही जेल से जमानत मिल गई और दोनों बाहर आ गए. उसके बाद दोनों के तेवर और तल्ख हो गए. अब तो हमारे परिवार वालों का जीना दुश्वार कर दिया है.
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