गोपालगंज (एएनआई)। गंडक नदी पर सतरघाट पुल का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण नदी में पानी बढ़ने के बाद बुधवार को ढह गया है। इस पुल का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने 16 जून को किया था। इस पुल के ढहने से उत्तर बिहार के कई जिलों ने कनेक्टिविटी टूट गई है। इसके साथ ही सारण तटबंध पर पानी का दबाव भी बढ़ गया है और अगर यही स्थिति बनी रही तो सारण जिला भी बाढ़ से प्रभावित होगा। प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार शाम को स्थिति का जायजा लिया। इंजीनियर अभय कुमार प्रभात की टीम, पुल निगम के टीम लीडर ने स्थिति का आकलन किया। 263.48 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का उद्देश्य पूर्वी चंपारण के विभिन्न शहरों के बीच गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों के बीच सड़क की दूरी को कम करना है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कसा तंज
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने पुल के ढहने के लिए नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा पुल उद्घाटन के लगभग 29 दिनों के बाद ही बह गया। इस पुल का निर्माण आठ वर्षों से किया जा रहा था। पुल का बहना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में एक आम बात हो गई है। क्या उन्होंने कुछ प्रशंसा हासिल करने के लिए समय से पहले ही पुल का उद्घाटन कर दिया? हम इसकी जांच की मांग करते हैं? तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार को पुल का निर्माण करने वाली कंपनी को तुरंत ही काली सूची में डालना चाहिए।
चूहों ने पुलों को भी नुकसान पहुंचाया
उद्घाटन के दिन कहलगांव में एक बांध गिर गया ... यहां तक कि बिहार में चूहों ने पुलों को भी नुकसान पहुंचाया। यदि पुल ढहते रहे तो पैसा कैसे वसूला जाएगा? मुख्यमंत्री ने 15 वर्षों में 55 घोटाले किए। जब तक आरसीपी टैक्स देने से ट्रांसफर पोस्टिंग होती है, तब तक पुल ढहते रहेंगे। बता दें कि 2017 में, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के एक मंत्री ने बिहार में तटबंध में बाढ़ के रिसाव का बड़ा कारण चूहे को मानते हुए चूहे को ही बाढ़ का प्रमुख कारण बताया था। इसके पहले भी राज्य में चूहों को पुलिस स्टेशन के स्टोरों से शराब की बोतलों को गायब करने का आरोप लग चुका है।
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